पिछले महीने रामलीला मैदान पर कालेधन के मुद्दे पर अनशन करने के बाद योगगुरू रामदेव ने फिर नये सिरे से अभियान चलाने के संकेत दिये. इस बार भी उनका यह अभियान योग शिविर के रूप में होगा लेकिन यह राष्ट्रीय राजधानी के बजाय हरिद्वार में 15 अगस्त से होगा.
रामदेव ने कहा कि वह 15 अगस्त से इस शिविर की शुरुआत के बाद देश भर में जनसभाएं करेंगे. इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से होगी. उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक ताकत नहीं, बल्कि राजनीतिक शुचिता चाहते हैं. उन्होंने दावा किया, ‘‘संसद के मानसून सत्र में कालेधन का मुद्दा जोरशोर से उठेगा. इसमें कई राजनीतिक दल उनके उठाये मुद्दों का समर्थन करेंगे.’’
रामदेव ने अपने सहयोगी आचार्य बालकृष्ण पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट हासिल करने का सीबीआई द्वारा मामला दर्ज करने को सरकार की साजिश करार दिया और कहा, ‘‘अगर ऐसा ही है तो ए. राजा के बयान के अनुसार अब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृह मंत्री पी चिदंबरम पर कार्रवाई होनी चाहिये.’’
चार जून को रामलीला मैदान पर अपने समर्थकों पर हुई पुलिस कार्रवाई के मामले की आज उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के सिलसिले में राष्ट्रीय राजधानी आये रामदेव ने संवाददाता सम्मेलन किया, जिसमें दिल्ली पुलिस की कड़ी सुरक्षा नजर आयी. सम्मेलन कक्ष के अंदर दिल्ली पुलिस के कम से कम 10 कर्मी सादे लिबास में मौजूद थे. रामदेव ने कहा, ‘‘मुझे संदेह है कि मेरे खिलाफ अभी और भी साजिशें होंगी. लेकिन आंदोलन करने और राष्ट्रधर्म मानकर देशहित के मुद्दे उठाने से हमें कोई नहीं रोक सकता.’’ उन्होंने कहा, ‘‘15 अगस्त से हरिद्वार में देश भर के 624 जिलों से 11,000 युवा जुटेंगे.’’यह पूछे जाने पर कि क्या हरिद्वार में यह योग शिविर होगा, इस पर रामदेव ने कहा, ‘‘यह योग शिविर होगा, लेकिन शिविर में जनहित के मुद्दे उठाना क्या गलत है?’ ’उन्होंने कहा, ‘‘कालेधन के मुद्दे पर जागरूकता के लिये हम देश में जनसभाएं भी करेंगे जिनमें दो से तीन लाख लोग भाग लेंगे. इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से होगी.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या गांधीवादी अन्ना हज़ारे और भाजपा का वह समर्थन करेंगे, रामदेव ने कहा, ‘‘जो भी व्यक्ति या दल कालेधन और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हमसे सहमत है, हम उसका साथ लेंगे और उसका साथ देंगे.’’रामदेव ने कहा कि उन्हें एकमात्र उम्मीद उच्चतम न्यायालय से है, जिसने रामलीला मैदान पर चार जून को हुई पुलिस कार्रवाई पर स्वत: संज्ञान लिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पतंजलि योगपीठ के एक आश्रम में मौजूद आयुव्रेदिक दवाओं को एक केंद्रीय मंत्री ने अपने कब्जे में ले लिया और वह मंत्री संवाददाता सम्मेलन कर यह आरोप लगाने वाले थे कि हमारी दवाओं में स्टेरॉइड होता है.
रामदेव ने इस मंत्री का नाम बताने से इनकार कर दिया लेकिन कहा, ‘‘जब मंत्री को पता चला कि हल्दी जैसे कुछ तत्वों में प्राकृतिक किस्म का स्टेरॉइड पाया जाता है तो उन्हें अपने मनसूबों से पीछे हटना पड़ा.’ ’उन्होंने दावा किया कि सरकार उनके पीठ की दवाओं के पीछे इसलिये पड़ी है क्योंकि वह चंद्रप्रभावती, त्रिफला, आंवला और एलोवेरा जैसी दवाएं काफी कम कीमतों पर बेचते हैं.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें