चेक गणराज्य की पेत्रा क्वितोवा ने जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए पूर्व चैंपियन और खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही रूस की मारिया शारापोवा को शनिवार को लगातार सेटों में 6-3, 6-4 से हराकर विम्बलडन की नई मल्लिका होने का गौरव प्राप्त कर लिया।
चेक गणराज्य की छह फुट लंबी क्वितोवा पहली बार ग्रैंड स्लेम फाइनल में खेल रही थी और उन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से 2004 की चैंपियन शारापोवा को स्तब्ध कर दिया। शारापोवा ने फाइनल से पहले तक काफी तूफानी खेल दिखाया था लेकिन खिताबी मुकाबले में 21 वर्षीय चेक खिलाडी के आलराउंड कोर्ट खेल का शारापोवा के पास कोई जवाब नहीं बनी।
आठवीं वरीयता प्राप्त क्वितोवा ने पांचवी वरीय शारापोवा को एक घंटे 25 मिनट चले मुकाबले में पस्त कर साल का तीसरा ग्रैंड स्लेम खिताब अपने नाम कर लिया। दूसरे सेट के 10वें गेम में क्वितोवा अपनी सर्विस पर 40-0 से आगे हो गई थीं और उन्होंने जैसे ही एस लगाकर मैच समाप्त किया। पूरा सेंटर कोर्ट तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। क्वितोवा की इस ऐतिहासिक जीत को देखने के लिए उनके माता पिता कोर्ट में मौजूद थे। क्वितोवा ने शक्तिशाली ग्राउंड स्ट्रोक लगाते हुए महिला खिताब जीतने वाली बाईं हाथ की तीसरी खिलाड़ी बनने का भी गौरव हासिल कर लिया। उनसे पहले यह उपलब्धि एनी जोंस और मार्टिना नवरातिलोवा को हासिल थी।
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