लोकपाल बिल के मसौदे के लिए गठित संयुक्त समिति के सदस्य और केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि टीम अन्ना के मसौदे को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उनके बिल के मसौदे के कुछ प्रावधान संविधान के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ हैं। मुंबई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सिब्बल ने टीम अन्ना को ऐसा अनिर्वाचित समूह बताया जिसकी किसी के प्रति कोई जवाबदेही नहीं है।
टीम अन्ना की किसी के प्रति कोई जवाबदेही नहीं
उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि केंद्र सरकार को विलासराव देशमुख से कुछ सीख लेनी चाहिए थी क्योंकि उन्हें महाराष्ट्र में अन्ना हजारे और उनके उपवास से निपटने का अनुभव हासिल है। सिब्बल ने कहा, ‘टीम अन्ना का लोकपाल संसद और अदालतों के प्रति जवाबदेह नहीं होगा क्योंकि इन संस्थानों को उसके दायरे में लाना होगा। यह स्वीकार्य नहीं है।’
लोकपाल के गठन के मुकाबले अगर मौजूदा तंत्र में सुधार लाया जाए तो भ्रष्टाचार को खत्म करना ज्यादा आसान होगा। उन्होंने हैरानी जताते हुए पूछा कि टीम अन्ना के लोग जिस सरकारी कर्मचारी, निर्वाचित प्रतिनिधि और न्यायपालिका के लोगों को भ्रष्ट कह रहे हैं उन्हें कैसे ठीक किया जाएगा। सिब्बल ने मीडिया पर भी हमला बोला और कहा मैं प्रधानमंत्री से यह सिफारिश करने जा रहा हूं कि मीडिया को भी जवाबदेह बनाया जाए।
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