भारतीय रेलवे अपनी ई-टिकट सेवा शुरू करने वाला है, जिसमें ट्रैवल एजेंट के लिए जगह नहीं होगी और यह सिर्फ व्यक्तिगत इस्तेमाल करने वालों के लिए आरक्षित होगी। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि आईआरसीटीसी की ई-टिकट से इतर भारतीय रेल की इस नई सेवा में ट्रैवल एजेंटों और व्यावसायिक संगठनों की कोई भूमिका नहीं होगी। वेबसाइट पर सिर्फ व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं को ही टिकट खरीदने की अनुमति होगी।
आईआरसीटीसी सेवा में ट्रैवल एजेंटों पर टिकटों की बुकिंग कराकर उसे ऊंची कीमतों पर बेचने का आरोप है। लोगों की नाराजगी को देखते हुए रेलवे ने आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर व्यस्ततम समय में ट्रैवल एजेंटों को तत्काल टिकट की बुकिंग से रोक दिया है।
नई रेलवे ई-टिकट सेवा के तहत ग्राहकों को सेवा प्राप्त करने के लिए पहली बार खुद को पंजीकृत करने की जरूरत होगी। पंजीकरण नि:शुल्क होगा। अधिकारी ने कहा कि शुरू में प्रति यूजर आईडी पर प्रति महीने अधिकतम आठ लेन-देन की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि शयनयान श्रेणी के लिए प्रति टिकट पांच रुपए सेवा शुल्क लगेगा, जबकि अन्य श्रेणियों के लिए प्रति टिकट दस रुपए होगा।
आईआरसीटीसी शयनयान श्रेणी के लिए प्रति टिकट दस रुपए और अन्य श्रेणियों के लिए 20 रुपए प्रति टिकट शुल्क लेती है। नई सेवा www.indianrailways.gov.in पर उपलब्ध होगी। अधिकारी ने कहा कि सेवा रात साढ़े 12 बजे से रात साढ़े 11 बजे तक (करीब तेईस घंटे) उपलब्ध होगी और सिर्फ बीच के एक घंटे के लिए बंद रहेगी।
अधिकारी ने कहा कि परियोजना की शुरुआत इस उद्देश्य से की गई है कि लोगों के लिए एक ही विंडो इंटरफेस पर सभी सेवाएं एवं सूचनाएं उपलब्ध हो जाएं। उन्होंने कहा कि सेवा से यात्रियों के लिए टिकट बुक कराने के अन्य रास्ते खुल जाएंगे, जबकि आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर दबाव कम होगा।
मोबाइल फोन पर भी टिकट बुक कराने की सेवा देने का प्रस्ताव है। अधिकारी ने कहा कि सेवा लेने के इच्छुक और इंटरनेट रखने वाले ग्राहकों को भारतीय रेल की वेबसाइट से मोबाइल फोन पर मोबाइल टिकट आवेदन डाउनलोड करना होगा। वेबसाइट पर जल्द ही मालगाड़ी एवं पार्सलों की स्थिति का पता लगाने के अलावा कई अन्य सेवाएं शुरू होने की उम्मीद है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें