मुंबई क्रिकेट संघ के चुनाव ने एक बार फिर साबित किया खेल में राजनैतिक घुसपैठिये ने किस तरह से भारत के विभिन्न खेल संघ पर कब्जा जमा कर अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा पूरी करते हैं. संघ के चुनाव में कर्नल की हार जहाँ क्रिकेट की हार हैं वहीँ विलास राव के रूप में क्रिकेट का महामूर्ख खेल के बारे में निर्णय लेगा. शरद पवार और मनोहर जोशी से होते हुए विलास राव तक का मुंबई क्रिकेट संघ का परिणाम बताता है कि क्रिकेट भारत में खेल कम राजनैतिक और व्यापारिक सवारी है जिस पर राजनीति के सभी धुरंधर सवारी करना चाहते हैं.
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विलासराव देशमुख ने मुम्बई क्रिकेट संघ (एमसीए) के अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देशमुख ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर को 45 मतों के अंतर से हराया। देशमुख को 181 मत मिले जबकि वेंगसरकर को 136 मतों से संतोष करना पड़ा।
देशमुख प्रदेश के तीसरे ऐसे पूर्व मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने एमसीए के अध्यक्ष पद का चुना जीता है। इससे पहले, मनोहर जोशी (1992-2001) और शरद पवार (2001-2011) भी एमसीए के अध्यक्ष चुने जा चुके हैं। गौरतलब है कि देशमुख को पवार खेमे का समर्थन मिला हुआ था। स्थायी निवास के बदल जाने की वजह से पवार इस बार पहले ही अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर हो चुके थे।पवार ग्रुप के रत्नाकर शेट्टी को एमसीए का उपाध्यक्ष और रवि सावंत को कोषाध्यक्ष चुना गया जबकि डी.वाई.पाटिल स्पोर्ट्स अकैडमी के प्रमुख विजय पाटील संघ के दूसरे उपाध्यक्ष बने। पाटील निर्दलीय उम्मीदवार थे। पवार समर्थित दो अन्य उम्मीदवार डॉ.पी.वी.शेट्टी और नितिन दलाल एमसीए के नए संयुक्त सचिव चुने गए।
2 टिप्पणियां:
Criket me kira lag gaya.
हर खेल को खोखला कर रहे हैं राजनीतिबाज..
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