भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आज 30 साल के हो गए हैं। उन्होंने सिर्फ 6 साल में जो कामयाबी पाई है, वो दुनिया के किसी भी क्रिकेटर के लिए सपना ही है। धोनी के बारे में कहा जाता है कि वह मिट्टी की छू लेते हैं, तो वह सोना बन जाती है। उन्होंने बार-बार इसे साबित भी किया है। उनकी कप्तानी में भारत ने वर्ष 2007 में ट्वेंटी-20 विश्वकप का खिताब जीता था। उसके बाद तो धोनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक कई सफलताएं अर्जित करते चले गए।
2007 में धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने टी-20 विश्व खिताब जीता था। ये वही साल था जब 50 ओवर के वर्ल्ड कप से भारत को बाहर होना पड़ा था। उन्होंने विश्व खिताब दिलवा कर बोर्ड के फैसले को भी सही साबित कर दिया। जब इंडियन प्रीमियर लीग वजूद में आया तो धोनी सबसे महंगे खिलाड़ी थे। उन पर चेन्नई सुपर किंग्स ने दांव लगाया था। उन्होंने फ्रेंचाइजी को उनके पैसे की पूरी कीमत लौटाई। पहले दो सीजन में टीम को सेमीफाइनल तक ले गए और 2010 में तो खिताब ही दिला दिया। चैंपियंस लीग टी-20 में भी धोनी ने विश्व स्तर पर अपनी टीम की मौजूदगी का अहसास कराया और चेन्नई सुपर किंग्स ने चैंपियंस लीग टी-20 ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया। वर्ल्ड कप के रोमांच के बाद लोगों की आईपीएल में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रह गई थी। लेकिन धोनी इस टूर्नामेंट में भी लय दिख रहे थे और उनकी जीत का सिलसिला जारी रहा। उन्होंने अपनी कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स को आईपीएल में लगातार दूसरी बार खिताबी जीत दिलाई।
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