भारत के सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह की जन्मतिथि को लेकर चल रहा विवाद आख़िरकार रक्षा मंत्रालय के दख़ल के बाद ख़त्म हो गया है. रक्षा मंत्रालय ने उनकी जन्मतिथि 10 मई 1950 मानी है. यानी अब अगले साल मई में जनरल वीके सिंह रिटायर हो जाएँगे.
सेनाध्यक्ष की जन्मतिथि को लेकर पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा था. अब रक्षा मंत्रालय ने अटॉर्नी जनरल और क़ानून मंत्रालय से राय लेने के बाद सेनाध्यक्ष को फ़ैसले से अवगत करा दिया गया है.
सेनाध्यक्ष के सर्विस रिकॉर्ड में उनकी दो जन्मतिथि पाई गई, पहली 10 मई 1950 और दूसरी 10 मई 1951. सर्विस रिकॉर्ड्स के मुताबिक़ सेनाध्यक्ष के मैट्रिक प्रमाणपत्र में उनकी जन्मतिथि 10 मई 1951 बताई गई है. लेकिन सेना में प्रवेश के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के फ़ॉर्म में उनकी जन्मतिथि 10 मई 1950 है. जनरल वीके सिंह की सही जन्मतिथि इसलिए भी ज़रूरी थी क्योंकि सेनाध्यक्ष के पद से वो 62 साल की उम्र या फिर तीन साल पद पर बने रहने के बाद रिटायर हो जाते.
जनरल सिंह चाहते थे कि 10 मई 1951 को उनकी जन्मतिथि मानी जाए. उन्होंने समर्थन हासिल करने के लिए भारत के तीन पूर्व मुख्य न्यायाधीशों से राय भी मांगी थी.लेकिन बढ़ते विवाद के बीच रक्षा मंत्रालय ने क़ानून मंत्रालय और अटॉर्नी जनरल से सलाह-मशविरा किया और फिर ये तय किया गया कि सेनाध्यक्ष की जन्मतिथि 10 मई 1950 ही मानी जाएगी, क्योंकि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के फ़ॉर्म में यही जन्मतिथि लिखी थी.
मंत्रालय का कहना है कि अगर जन्मतिथि में कोई गड़बड़ी थी, तो उसे दो साल के अंदर ठीक करा लेना चाहिए था. माना जा रहा है कि पूर्वी सेना कमांडर लेफ़्टिनेंट जनरल बिक्रम सिंह अगले सेनाध्यक्ष होंगे, क्योंकि जनरल वीके सिंह के रिटायरमेंट के समय वे ही सबसे वरिष्ठ लेफ़्टिनेंट जनरल होंगे
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें