दारुल उलूम, देवबंद के वाइंस चांसलर मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी को उनके पद से हटा दिया गया है। उनको हटाने का निर्णय देवबंद के शीर्ष संस्था मजलिस-ए-शूरा ने लिया। वस्तानवी पर लगे आरोपों की जांच के लिए गठित 3 सदस्यीय समिति ने शनिवार देर रात मजलिस-ए-शूरा (दारूल उलूम की गवर्निंग बॉडी) की 2 दिवसीय बैठक के पहले दिन अपनी रिपोर्ट पेश की।
सूत्रों के मुताबिक मजलिस-ए-शूरा तीसरे चरण की बैठक में रविवार को वोटिंग के तहत वस्तानवी के भविष्य का फैसला हुआ। मीटिंग में शूरा कुल 21 सदस्य होते हैं जिसमें 4 पद अभी खाली हैं। 17 में से 13 सदस्यों ने मीटिंग में भाग लिया। इसमें से 5 लोगों ने वस्तानवी के पक्ष में वोट किया, बाकी लोगों ने विरोध में। वस्तानवी ने कहा कि मुझे साजिश के तहत हटाया गया है। शूरा में पूरी रिपोर्ट नहीं पेश की गई। जिस कारण सचाई सामने नहीं आ पाई।
इसी साल जनवरी में वस्तानवी द्वारा मोदी की तारीफ की बातें मीडिया में आने के बाद दारुल उलूम के छात्रों ने उनके इस्तीफे की मांग करते हुए परिसर के अंदर लगातार कई दिनों तक विरोध-प्रदर्शन किया था। बाद में 23 फरवरी को आयोजित मजलिस-ए-शूरा की बैठक में शूरा के सदस्यों में से ही 3 सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी। समिति को निर्देशित किया गया था कि वस्तानवी प्रकरण के हर पहलू पर बारीकी से जांच पड़ताल कर वह मजलिस-ए-शूरा की अगली बैठक में रिपोर्ट पेश करे।
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