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बुधवार, 6 जुलाई 2011

अब सब्सिडी सीधे खाते में पहुंचेगा.


 अगर नंदन नीलेकणी के कार्य बल द्वारा सुझाई गई सिफारिशों पर अमल किया गया तो देश में गरीबों को मिलने वाली रियायत सीधे तौर पर बैंक शाखाओं, ऑटोमेटेड टेलर मशीनों (एटीएम), इंटरनेट एवं मोबाइल बैंकिंग चैनलों के जरिये हासिल हो सकेगी।
हालांकि इसमें अभी कुछ वक्त लग सकता है, क्योंकि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा सुझाए गए रोडमैप के तहत गरीबों के खातों में सीधे बैंकों के जरिए नकद सब्सिडी स्थानांतरण की पायलट परियोजना सात राज्यों तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उड़ीसा में अक्टूबर से शुरू की जाएगी।

केरोसिन, एलपीजी एवं उर्वरक पर सब्सिडी के सीधे स्थानांतरण पर 70 पृष्ठï की एक व्यापक रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई है जिसमें सभी लाभार्थियों के लिए पात्रता और सब्सिडी पर सूचनाओं के लिए कोर सब्सिडी मैनेजमेंट सिस्टम (सीएसएमएस) की स्थापना का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'सीएसएमएस सामान, भंडारों के स्तर, मांग के अनुमान एवं लाभार्थियों की पहचान में पारदर्शिता बढ़ाएगी। इसे शिकायत निवारण प्रणाली से भी जोड़ा जा सकेगा जिससे लाभार्थियों को खामियों के संबंध में सीधे सरकार से शिकायत करने में मदद मिलेगी, जिससे समय पर उचित कार्रवाई करने में आसानी होगी। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि पूर्ण वित्तीय समावेशन हासिल करना सब्सिडी के सीधे स्थानांतरण के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
रिपोर्ट में पहले चरण के तहत उत्पाद एवं सेवा स्थानांतरण के लिए एक केंद्रीकृत सॉफ्टवेयर की स्थापना का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर अंतरिम अवधि के दौरान होलसेल या रिटेलरों के लिए सब्सिडी का प्रत्यक्ष स्थानांतरण संभव नहीं होता है तो इसे सीधे तौर पर उपभोक्ताओं के लिए स्थानांतरण पर विचार किया जा सकेगा।

एलपीजी के लिए सब्सिडी के प्रत्यक्ष स्थानांतरण की शुरुआत के संदर्भ में रिपोर्ट में सभी ग्राहकों के लिए रियायती सिलेंडरों की खपत पर सीमा निर्धारित किए जाने का सुझाव दिया गया है। सब्सिडी का दूसरा चरण सीधे ग्राहकों के बैंक खाते में स्थानांतरित किया जाएगा और अंतिम चरण में लक्षित ग्राहकों की पहचान की जाएगी और उन्हें सब्सिडी मुहैया कराई जाएगी।

उर्वरक के संदर्भ में रिपोर्ट में यह सुनिश्चित किए जाने के लिए कि हर तारीख का आंकड़ा सरकार के पास उपलब्ध है, पूरी आपूर्ति श्रृंखला के साथ साथ उर्वरक की सूचना तैयार किए जाने का सुझाव दिया गया है। दूसरे चरण में उर्वरक प्राप्त होने पर सब्सिडी रिटेलर को दी जाएगी। इसमें होलसेलर से उर्वरक की प्राप्ति पर रिटेलर के बैंक खाते के लिए सब्सिडी का प्रत्यक्ष स्थानांतरण शामिल होगा। रिपोर्ट के अनुसार इसे राज्य सरकारों के जरिये किया जाना चाहिए, क्योंकि वे सार्वजनिक वितरण सूची तैयार करती हैं और उनके पास सभी लाभार्थियों का रिकॉर्ड मौजूद होता है। नकदी को लाभार्थी के अकाउंट में स्थानांतरित किया जाएगा।

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