पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को मरणोपरांत 'बांग्लादेश स्वतंत्रता सम्मान' दिया गया, जो विदेशी नागरिकों को दिया जाने वाला बांग्लादेश का सर्वोच्च सम्मान है। बंगभवन में आयोजित एक विशेष समारोह में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनकी ओर से यह सम्मान प्राप्त किया। बांग्लादेश के राष्ट्रपति जिल्लुर रहमान ने उन्हें यह सम्मान दिया। इस मौके पर प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
इंदिरा गांधी 1971 में भारत की प्रधानमंत्री थीं, जब बांग्लादेश को आजादी मिली थी। करीब तीन पृष्ठों के प्रशस्ति पत्र में लिखा है, ''बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के वक्त विपरीत परिस्थितियों के बावजूद इंदिरा गांधी शुरू से आखिर तक यहां के लोगों के साथ खड़ी रहीं। उन्होंने करीब एक करोड़ बांग्लादेशी शरणार्थियों को शरण दी।
राजनयिक बाधाओं के बावजूद उन्होंने मुक्ति संग्राम को हौसला दिया। बंगबंधु को पाकिस्तानी जेल से मुक्त करवाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
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