योग गुरु बाबा रामदेव के सामने दोहरी मुसीबत आ खड़ी हुई है। रामदेव के सबसे करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण कोसीबीआई ने आज पूछताछ के लिए बुलाया है तो दूसरी ओर पतंजलि आश्रम से 'गायब' संत शंकरदेव की फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय तक पहुंच गई है। बालकृष्ण ने सीबीआई के सामने पेश होने के लिए 20 दिन का समय मांगा था लेकिन सीबीआई ने यह मांग ठुकरा दी है और शुक्रवार को ही उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है। सीबीआई ने उनके घर पर पेशी का नोटिस भी चस्पा कर दिया है। एजेंसी उनसे बयान दर्ज करने की तैयारी में जुटी है। उनसे पूछताछ के लिए ढेर सारे सवाल भी तैयार किए गए हैं। उन पर गलत दस्तावेज के आधार पर पासपोर्ट हासिल करने के आरोप में केस दर्ज है।
बालकृष्ण ने जांच एजेंसी को फैक्स कर कहा था कि उनका पासपोर्ट नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग में वीजा के लिए भेजा गया है और इसे वापस लेने में 20 दिन लगेंगे लेकिन सीबीआई ने उन्हें बिना पासपोर्ट के लिए पूछताछ के लिए बुलाया है। सीबीआई ने इससे पहले सीबीआई ने आचार्य को पासपोर्ट और संबंधित सभी प्रमाणपत्रों की मूल कॉपी के साथ अपने दफ्तर बुलाया था।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत के लिए बालकृष्ण की ओर से दायर अर्जी भी नामंजूर कर दी है। बालकृष्ण ने सीबीआई की एफआईआर खारिज करने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट से गुहार भी लगाई लेकिन उनकी याचिका पर कोर्ट की सिंगल बेंच ने मामले की किसी अन्य बेंच में सुनवाई करने का आदेश जारी किया।
उत्तराखंड पुलिस पिछले चार वर्षों से लापता रामदेव के गुरू शंकरदेव की गुमशुदगी की जांच में जुटने की तैयारी में है। एक संत की शिकायत पर यह मामला फिर से खोला जा रहा है। ऐसे में आशंका है कि रामदेव भी जांच के दायरे में आएंगे।
सीबीआई के सूत्र बताते हैं कि बालकृष्ण से नागरिकता, पढ़ाई-लिखाई, रामदेव से जुड़ाव और पासपोर्ट सहित कई मुद्दों पर 50 से भी ज्यादा सवाल पूछे जाएंगे। हो सकता है, पूछताछ के बाद आचार्य को गिरफ्तार भी कर लिया जाए। अगर आज वह सीबीआई दफ्तर में हाजिर नहीं होते हैं तो दोबारा समन भेजने और उन्हें खोज कर गिरफ्तार करने का विकल्प बचता है। सीबीआई के अधिकारी इन विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं।
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