बिहार में एक और तथागत. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 21 जुलाई 2011

बिहार में एक और तथागत.


 देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक आईआईटी के सवालों को पांचवीं कक्षा का छात्र  ओमप्रकाश आसानी से हल कर लेता है। बिहार की राजधानी पटना के कुम्हरार इलाके में रहने वाला ओमप्रकाश अभी महज़ 11 साल का ही है। लेकिन, इसकी प्रतिभा ने बड़े-बड़ों के होश ठिकाने लगा दिए हैं। ओमप्रकाश अभी कुम्हरार में रह कर ही आइआइटी की तैयारी कर रहा है।

ओम अभी बाजार समिति स्थित परमार क्लासेज के टारगेट बैच में पढा़ई कर रहा है। गणित से लेकर भौतिकी और रसायन शास्त्र के कई सवालों को वह आसानी से हल कर रहा है। 

भेड़ पालते हैं पिता, मां बनाती है धागा 

ओमप्रकाश के पिता जगदीश पाल मूल रूप से औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखंड के चिल्हकी गांव के रहने वाले हैं। वहां वे भेड़ पालन करते हैं। मां शारदा देवी भेड़ के बाल से धागे तैयार करती हैं। परिवार निर्धन है। शारदा ने बताया कि उनका बेटा ओमप्रकाश बचपन से ही किताबों में खोया रहता था। विद्यालय कम जाता था। घर पर ही पढ़ा करता था।

पिछले साल तो ओमप्रकाश ने आईआईटी परीक्षा के 50 फीसदी सवालों का हल आसानी से कर दिया था। इसके बाद तो उसके भाई व शिक्षक चौंक उठे थे। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था। इसके बाद उसके भाईओं ने उसे आईआईटी की तैयारी करने को प्रेरित किया। फिलहाल ओमप्रकाश अपने भाई अजीत व रंजीत के साथ आइआइटी में दाखिले की तैयारी कर रहा है। 

आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 12वीं पास है। लेकिन ओमप्रकाश को इतना योग्य होने में अभी काफी समय लगेगा। हालांकि, ओमप्रकाश अभी ही मैट्रिक और इंटर की परीक्षा देने के लिए तैयार है। लेकिन यहां उसकी उम्र आड़े आ रही है।  बिहार के ही एक प्रतिभाशाली व काफी सुर्खियां बटोर चुके छात्र तथागत तुलसी को भी इसी तरह की समस्या से दो-चार होना पड़ा था। दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद तथागत ने दस साल की आयु में ही पटना साइंस कालेज से बीएससी की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति मांगी थी, मगर उसे कॉलेज प्रबंधन से मंजूरी नहीं मिल पायी। फिर उसने पटना हाइकोर्ट में गुहार लगायी। इसके बाद न्यायालय के आदेश पर तथागत को निर्धारित से कम उम्र में ही बीएससी की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गयी थी। अब देखना है कि ओमप्रकाश के साथ क्या होता है। अचरज नहीं कि एक बार फिर से तथागत जैसा इतिहास दुहराया जाये।

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