वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी अन्ना हजारे ने रविवार को कहा कि वे 16 अगस्त से प्रस्तावित अपने आमरण अनशन को सुनिश्चित करने के लिए सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय का रुख करेंगे।
अन्ना हजारे ने कहा, "सरकार का कहना है कि बाबा रामदेव के अभियान को जिस तरह से कुचला गया उसी तरह से वह उनके आंदोलन को भी कुचल देगी। क्या यह लोकतंत्र है अथवा तनाशाही है? हम सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में जाएंगे।"
ज्ञात हो कि भ्रष्टाचार के खिलाफ बाबा रामदेव का आंदोलन गत चार-पांच जून की रात हुई पुलिस कार्रवाई के बाद समाप्त हो गया। उन्होंने कहा, "एक लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक के पास प्रदर्शन करने का अधिकार है। इसलिए हम 16 अगस्त को अनशन पर बैठेंगे।"
भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर अन्ना हजारे ने जंतर-मंतर पर पांच दिनों का आमरण अनशन किया जिसके चलते सरकार को एक मसौदा समिति का गठन करना पड़ा। इस समिति में सरकार के पांच केंद्रीय मंत्री और सामाजिक संगठनों के पांच सदस्य शामिल हुए। समिति के 10 सदस्यों ने एक सख्त लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए 30 जून तक कई बैठकें कीं, लेकिन दोनों पक्षों में कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद अन्ना हजारे ने घोषणा की कि यदि 16 अगस्त से पहले एक व्यापक लोकपाल विधेयक संसद में पेश नहीं किया गया, तो वे आमरण अनशन शुरू कर देंगे।
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