2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की गाज अब डीएमके के एक और मंत्री दयानिधि मारन पर गिरी है। केंद्रीय कपड़ा मंत्री मारन ने आज अपने पद इस्तीफा दे दिया। मारन पर दूरसंचार मंत्री रहते हुए मलेशिया की एक कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप है। सीबीआई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सौंपी अपनी स्टेटस रिपोर्ट में यह आरोप लगाए हैं। इसके अलावा मारन पर चेन्नई में अपने घर से सन टीवी के दफ्तर तक आईएसडीएन लाइन बिछवाने का भी आरोप है।
पीएम आवास पर आज हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हिस्सा लेने के बाद मारन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कैबिनेट मीटिंग में 20 मिनट की देरी से पहुंचे और सबसे पहले बैठक से निकले। कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा लेने के बाद पीएम मनमोहन सिंह से मुलाकात की और उन्हें इस्तीफा सौंप दिया। मारन की पीएम के साथ हुई बैठक के दौरान कांग्रेस नेता अहमद पटेल भी मौजूद थे।
मारन पर आरोप है कि उन्होंने एयरसेल कंपनी के डायरेक्टर शिवशंकरन पर दबाव डालकर कंपनी ही बिकवा दी। यह कंपनी उनके करीबी लोगों ने खरीदी और इसके बाद सरकार की तरफ से कंपनी को कई फायदे मिले। सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि एयरसेल कंपनी के प्रमोटर द्वारा मैक्सिस ग्रुप को हिस्सा बेचे जाने के फौरन बाद उसकी झोली में लाईसेंस क्यों डाल दिया। इस बात के संकेत हैं कि सीबीआई मारन से जल्द ही पूछताछ कर सकती है और इस मामले में एफआईआर भी दर्ज हो सकती है।
सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट सामने आने के बाद ही विपक्षी दलों का मारन पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ रहा था। बीजेपी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन के पास अब इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। पार्टी नेता अरुण जेटली ने कहा कि वे बुरी तरह आरोपों में घिर गए हैं और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। तमिलनाडु में सत्तारुढ़ एआईडीएमके ने भी कहा है कि मारन के पास अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है और पीएम को उन्हें कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए। मारन के इस्तीफे को लेकर डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि ने भी कोई आपत्ति नहीं जताई है।
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