फारबिसगंज में पुलिस का चेहरा सुशासन पुरुष और बिहार का सबसे बड़ा रंगदार नीतीश कुमार का चेहरा बयान करता है. चार लोगों की मौत जिसमें एक सात माह का बच्चा और एक गर्भवती महिला और बिहार पुलिस के रंगदार वर्दीवाले पुलिसियों की गुंडागर्दी.
न न न आप लिखे पर मत जाइए वीडियो इसकी ताकीद कर देगी. कहना न होगा कि नीतीश बिहार के मोदी बनते जा रहे हैं और केन्द्रीय योजना के नाम पर सुशासन और विकाश का भ्रम फैला कर बिहार में जातिगत गुंडागर्दी को जारी रखे हुए हैं बस जातिगत गुंडों का समीकरण बदल गया है.
इसी अररिया जिले में 17 दिसंबर, 2010 को कुरसाकाटा प्रखंड के बटराहा गांव में उस रोज अर्धसैनिक बल के कुछ जवानों ने महिलाओं से छेड़खानी की थी। सुबह विवाद निपटाने के नाम पर लोगों को इकटठा किया गया। फिर पुलिस फायरिंग हुई जिसमें तीन महिलाओं और एक पुरूष की मृत्यु हो गई। और अब रास्ते का यह विवाद जो नीतीश के खोखले विकास के दावों कि हवा शवों पर कूदते पुलिस निकाल रहे हैं.
कहना अनुचित न है कि नीतीश के सुशासन राज में नीतीश का गुण्डापन इस चरम पर है कि लोगों को अब दबंगों से नहीं बल्कि पुलिस और प्रशासन से डर लगता है.
न न न आप लिखे पर मत जाइए वीडियो इसकी ताकीद कर देगी. कहना न होगा कि नीतीश बिहार के मोदी बनते जा रहे हैं और केन्द्रीय योजना के नाम पर सुशासन और विकाश का भ्रम फैला कर बिहार में जातिगत गुंडागर्दी को जारी रखे हुए हैं बस जातिगत गुंडों का समीकरण बदल गया है.
इसी अररिया जिले में 17 दिसंबर, 2010 को कुरसाकाटा प्रखंड के बटराहा गांव में उस रोज अर्धसैनिक बल के कुछ जवानों ने महिलाओं से छेड़खानी की थी। सुबह विवाद निपटाने के नाम पर लोगों को इकटठा किया गया। फिर पुलिस फायरिंग हुई जिसमें तीन महिलाओं और एक पुरूष की मृत्यु हो गई। और अब रास्ते का यह विवाद जो नीतीश के खोखले विकास के दावों कि हवा शवों पर कूदते पुलिस निकाल रहे हैं.
कहना अनुचित न है कि नीतीश के सुशासन राज में नीतीश का गुण्डापन इस चरम पर है कि लोगों को अब दबंगों से नहीं बल्कि पुलिस और प्रशासन से डर लगता है.
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