राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि माता पिता की सेवा नहीं करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों का सरकार वेतन काटेगी। काटी गई राशि उन माता पिता को पहुंचाई जाएगी, जो रुपयों के लिए मोहताज हैं। इस संबंध में एक्ट बना दिया गया है। एक्ट में यह भी प्रावधान है कि अगर अभिभावकों ने जमीन मकान बेटों के नाम कर दी है और बेटे सेवा नहीं करते हैं, तो जमीन और मकान फिर से अभिभावकों के नाम हो सकते हैं।
गहलोत ने चेतावनी दी है कि मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना की राशि आवंटन में किसी तरह के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री गहलोत बुधवार को चूरू जिले के रतनगढ़, गंगनगर जिले के सूरतगढ़ और हनुमानगढ़ के भादरा में बीपीएल आवास योजना के शुभारंभ और पात्र लोगों को राशि का स्वीकृति प्रपत्र वितरण सम्मेलन के अवसर पर बोल रहे थे।गहलोत ने कहा कि बीपीएल आवास योजना गरीब जनता के लिए बेहद उपयोगी है। इसमें बेईमानी करने वाले अधिकारी और कर्मचारी अपनी नौकरी से हाथ धोने के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हुडको से 3400 करोड़ रुपए का कर्ज लेकर गरीबों को लाभ देने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने कहा कि 50 हजार रुपए तीन किश्तों में दिए जाएंगे। गरीबों के मिलने वाले इस लाभ में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का ही नतीजा है कि ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रुका है और ग्रामीणों की क्रय शक्ति बढ़ी है। इसी प्रकार केंद्र सरकार की प्रस्तावित राइट टू फूड योजना भी राजस्थान से शुरू करवाने का प्रयास चल रहा है। योजना को लेकर राज्य में सर्वे का काम शुरू हो चुका है।
राज्य में सर्वाधिक निशुल्क पट्टे दिए गए हैं और इसके चलते केंद्र सरकार से 452 करोड़ रुपए अलग से मिले हैं। इन कार्यक्रमों में कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने गांवों के विकास के लिए मुख्यमंत्री बीपीएल आवास योजना शुरू की गई है। वहीं गांवों के लिए शिक्षा के अधिकार लागू कर शिक्षा को बढ़ावा देने की पहल की है। उन्होंने सरकार को किसानों का हितैषी बताते हुए कहा कि ढाई साल में किसानों को दी जा रही बिजली के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। इन कार्यक्रमों में क्षेत्रीय प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
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