लीबिया में कर्नल गद्दाफी को सत्ता से हटाने के संघर्ष में लगी विद्रोही सेना के सैन्य कमांडर जनरल अब्दल फ़तह यूनुस की हत्या कर दी गयी है. इस बात की पुष्टि लीबिया में विद्रोही नेशनल ट्रांज़िशनल काउंसिल यानी अस्थाई राष्ट्रीय परिषद ने की है.
अस्थाई राष्ट्रीय परिषद के प्रमुख मुस्तफ़ा अब्दुल-जलील ने दावा किया कि जनरल अब्दल फ़तह यूनुस की हत्या कर्नल गद्दाफी समर्थक हत्यारों ने की है. मुस्तफ़ा अब्दुल-जलील ने इस हत्या के बारे में विस्तार से तो नहीं बताया पर इतना ज़रूर कहा कि जनरल यूनुस को लीबिया में जारी सैन्य कार्रवाई के सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. ख़बरों में कहा गया है कि जनरल यूनुस पर गद्दाफी समर्थक सेना से साठ-गाँठ का शक़ था.
विद्रोही सेना के कमांडर जनरल अब्देल फ़तह यूनुस लीबिया के गृह मंत्री रह चुके थे और इसी साल फ़रवरी महीने में उन्होंने विद्रोहियों से हाथ मिला लिया था. घटना की जानकारी देते हुए मुस्तफ़ा अब्दुल-जलील ने बताया कि इस हमले में जनरल यूनुस के दो अन्य सहयोगी कर्नल मुहम्मद ख़मिस और नासिर अल-मधकूर भी मारे गए हैं. कुछ अपुष्ट ख़बरों में ये भी कहा गया है कि जनरल यूनुस और उनके दोनों सहयोगियों को गुरूवार को लीबिया के पूर्वी हिस्से से हिरासत में ले लिया गया था.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लीबिया में जारी संकट को लेकर सदस्यों के बीच मतभेद उभर कर सामने आए हैं. सुरक्षा परिषद में दक्षिण अफ्रीका के राजदूत बासो सांग्कू ने चेतावनी दी है कि लीबिया में विद्रोहियों के समर्थक संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों की अवमानना कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि किसी देश के आतंरिक झगड़ों में हस्तक्षेप करने से एक ख़तरनाक उदाहरण उभर कर सबके समक्ष आएगा. संयुक्त राष्ट्र के कई सदस्य लीबिया में जारी नेटो कार्रवाई की निंदा कर चुके हैं. इन सदस्यों का मत है कि लीबिया के आतंरिक मामलों में नेटो को किसी एक पक्ष का साथ नहीं देना चाहिए.
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