बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता कृष्णामचारी श्रीकांत पर अपने बेटे अनिरुद्ध श्रीकांत को देश के उभरते खिलाडियों की टीम में चुने जाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। यह टीम अगले महीने ऑस्ट्रेलिया में तीन दिवसीय मैचों की एक सीरीज में हिस्सा लेगी।
तमिलनाडु के ओपनर अनिरूद्ध श्रीकांत के लिए रणजी ट्रॉफी का आखिरी सीज़न बहुत ही साधारण था। उन्होंने 9 पारियों में 251 रन बनाए थे। अनिरूद्ध रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले शीर्ष 50 बल्लेबाजों में भी शामिल नहीं हैं। उन्होंने तमिलनाडु के लिए खेलते हुए कुछ हाफ सेंचुरी और एक हाफ सेंचुरी आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए लगाई थी।
बीसीसीआई के सचिव और चयन समिति की बैठक के संयोजक एन. श्रीनिवासन ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं चयन से जुड़े मामले पर बात नहीं करता हूं। लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि उसके (अनिरूद्ध) के चयन को लेकर आम सहमति थी।’ लेकिन चयन समिति के बाहर के लोग इस चयन से खुश नहीं हैं। अनिरूद्ध पर सवाल उठा रहे लोग ऐसे कई खिलाड़ियों का नाम लेते हैं, जिनका रिकॉर्ड अनिरूद्ध से कहीं बेहतर है, लेकिन उन्हें उभरते हुए खिलाड़ियों की टीम में शामिल नहीं किया गया। तमिलनाडु राज्य क्रिकेट संघ के एक पदाधिकारी के बेटे को इस टीम में नहीं चुना गया है। उन्होंने कहा, ‘तीन दिन का मैच खेलने जा रही टीम में अनिरूद्ध का नाम नहीं होना चाहिए था। उसका अंदाज टी 20 क्रिकेट के लिए तो ठीक है। लेकिन वहां भी उसने ज़्यादा रन नहीं बनाए हैं।’ गौरतलब है कि श्रीकांत की अगुवाई वाली चयन समिति का यह आखिरी साल है।
अनिरूद्ध के अलावा 15 सदस्यों वाली टीम में ज्यादातर खिलाड़ियों ने 2010-11 सीज़न में रनों का अंबार लगा दिया था, जिसकी बदौलत उन्हें जगह मिली है। लेकिन कई बेहतर खिलाड़ियों को टीम के लायक नहीं समझा गया। झारखंड के 22 साल के बल्लेबाज इशांक जग्गी ने रणजी ट्रॉफी में 532 रन बनाए हैं। चयनकर्ताओं ने जग्गी को नजरअंदाज किया है। जग्गी ने रणजी वनडे टूर्नामेंट में 57 की औसत से 346 रन बटोरे हैं। चयनकर्ताओं ने सिर्फ जग्गी को ही निराश नहीं किया है बल्कि उन्होंने कई खिलाड़ियों को नजरअंदाज किया है। कर्नाटक के 24 साल के अमित वर्मा ने 652 रन, बड़ौदा के 21 साल के केदार देवधर ने 499 और पंजाब के 19 साल के मनदीप सिंह ने 305 रन बनाए हैं, लेकिन इन्हें टीम में चुने जाने लायक नहीं समझा गया।
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