दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2008 में हुए ‘वोट के बदले नोट’ कांड में कथित तौर पर शामिल सुहैल हिन्दुस्तानी और संजीव सक्सेना को तिहाड़ जेल भेज दिया. इससे पहले मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि उन्हें अब पूछताछ नहीं करनी है. विशेष न्यायाधीश संगीता धींगड़ा सहगल ने इन दोनों को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजते हुए कहा, ‘दोनों ही आरोपियों को पांच अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.’
दोनों लोगों से पिछले 24 घंटे के दौरान हुई पूछताछ के बारे में अदालत द्वारा पूछे जाने पर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारियों ने बताया कि कांड के मुख्य साजिशकर्ता सुहैल को इस मामले के गवाह को आईएएस अधिकारी एसपी गुप्ता के सामने पेश किया गया। अभियोजन पक्ष के वकील ने यह दलील दी कि दोनों लोगों से अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त व्यक्तिगत रूप से पूछताछ कर चुके हैं. हालांकि, बचाव पक्ष के वकील ने आरोप लगाया कि पुलिस अदालत के आदेश का पालन नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि हिरासत में उनके मुवक्किलों के साथ हुई पूछताछ के दौरान उन्हें वहां मौजूद नहीं रहने दिया गया. पुलिस ने बचाव पक्ष के उन आरोपों का यह कहकर विरोध किया कि इस मामले में वह एक निष्पक्ष जांच कर रही है.
नोट के बदले वोट घोटाले में लचर जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा खिंचाई किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने 17 जुलाई को पहले सक्सेना को गिरफ्तार किया और उसे तीन दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। हिंदुस्तानी को 20 जुलाई को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. जुलाई 2008 में हुए वोट के बदले नोट घोटाले की जांच करने वाली एक संसदीय समिति की अनुशंसा पर 2009 में मामला दर्ज किया गया था. गौरतलब है कि 22 जुलाई 2008 को भाजपा के कुछ सांसदों ने संप्रग-1 सरकार के विश्वास मत का सामना करने से पहले लोकसभा में नोटों की गड्डियां दिखाई थीं. उन्होंने दावा किया था कि मनमोहन सिंह सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए उन्हें धन दिया गया था.
दोनों लोगों से पिछले 24 घंटे के दौरान हुई पूछताछ के बारे में अदालत द्वारा पूछे जाने पर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारियों ने बताया कि कांड के मुख्य साजिशकर्ता सुहैल को इस मामले के गवाह को आईएएस अधिकारी एसपी गुप्ता के सामने पेश किया गया। अभियोजन पक्ष के वकील ने यह दलील दी कि दोनों लोगों से अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त व्यक्तिगत रूप से पूछताछ कर चुके हैं. हालांकि, बचाव पक्ष के वकील ने आरोप लगाया कि पुलिस अदालत के आदेश का पालन नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि हिरासत में उनके मुवक्किलों के साथ हुई पूछताछ के दौरान उन्हें वहां मौजूद नहीं रहने दिया गया. पुलिस ने बचाव पक्ष के उन आरोपों का यह कहकर विरोध किया कि इस मामले में वह एक निष्पक्ष जांच कर रही है.
नोट के बदले वोट घोटाले में लचर जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा खिंचाई किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने 17 जुलाई को पहले सक्सेना को गिरफ्तार किया और उसे तीन दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। हिंदुस्तानी को 20 जुलाई को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. जुलाई 2008 में हुए वोट के बदले नोट घोटाले की जांच करने वाली एक संसदीय समिति की अनुशंसा पर 2009 में मामला दर्ज किया गया था. गौरतलब है कि 22 जुलाई 2008 को भाजपा के कुछ सांसदों ने संप्रग-1 सरकार के विश्वास मत का सामना करने से पहले लोकसभा में नोटों की गड्डियां दिखाई थीं. उन्होंने दावा किया था कि मनमोहन सिंह सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए उन्हें धन दिया गया था.
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