बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के करीबी और आरजेडी के पुराने नेताओं में से एक शकील अहमद खान ने असंतोष व्यक्त करते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। खान ने संवाददाताओं से कहा कि आरजेडी में पार्टी विरोधियों की संख्या में बढ़ोतरी और उन पर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण वह पार्टी का दामन छोड़ रहे हैं। इस्तीफे के बाद किस पार्टी में जाएंगे इसका फैसला बाद में करेंगे। आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता और पेशे से वकील खान के इस्तीफे से बिहार विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना कर चुकी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। उन्होंने कहा, लालू प्रसाद से उन्हें कोई शिकायत नहीं है, बल्कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष के करीबी लोगों से नाराजगी है। सभी दलों में पार्टी विरोधी गतिविधियां चलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है और कारण बताओ नोटिस दिए जा रहे हैं, लेकिन आरजेडी अनोखी पार्टी है, जहां नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है।
गया जिले के गुरुआ से दो बार विधायक रह चुके खान ने कहा कि 2010 में विधानसभा चुनाव में शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र से कुछ लोगों ने साजिश कर पराजित करा दिया। ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। खान बिहार में राबड़ी सरकार में मंत्री भी थे। वह 1992 में जनता दल में शामिल हुए थे। इस्तीफे के बाद उनके सत्तारूढ़ जदयू में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। पूर्व विधायक के इस्तीफे की घोषणा से पहले ही आरजेडी नेतृत्व ने एक संवाददाता सम्मेलन कर उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा कर दी।
गया जिले के गुरुआ से दो बार विधायक रह चुके खान ने कहा कि 2010 में विधानसभा चुनाव में शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र से कुछ लोगों ने साजिश कर पराजित करा दिया। ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। खान बिहार में राबड़ी सरकार में मंत्री भी थे। वह 1992 में जनता दल में शामिल हुए थे। इस्तीफे के बाद उनके सत्तारूढ़ जदयू में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। पूर्व विधायक के इस्तीफे की घोषणा से पहले ही आरजेडी नेतृत्व ने एक संवाददाता सम्मेलन कर उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा कर दी।
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