भारत और दक्षिण कोरिया ने सोमवार को एक असैनिक परमाणु सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किए हैं.
राजधानी सियोल में हुए इस समझौते के तहत दक्षिण कोरिया भारत को परमाणु ऊर्जा संयंत्र सप्लाई करेगा.
भारतीय राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और उनके समकक्ष मियोंग-बाक के बीच हुई वार्ता के बाद हुई संधि के भीतर दक्षिण कोरिया क़ानूनी तौर पर भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण में शामिल हो सकेगा.
साल 2008 में परमाणु स्पलायर्स समुह की स्वीकृति के बाद भारत से असैनिक परमाणु सहयोग संधि करनेवाला दक्षिण कोरिया नौंवा देश है. इसके पहले भारत अमरीका, फ्रांस, रूस, कनाडा, मंगोलिया, कज़ाकिस्तान, अर्जेंटिना और नमीबिया के साथ ऐसी संधि कर चुका है.
दक्षिणी कोरिया देश की ज़रूरत की 35 फ़ीसद बिजली वहां मौजूद 20 परमाणु संयंत्रों से पैदा करता है. दोनों देशों ने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में शांतिपूर्ण सहयोग के लिए ये द्विपक्षीय समझौता किया है. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों देश जल्द ही रिएक्यटर के निर्माण के लिए बातचीत शुरू करेंगे. भारत में इस समय बिजली पैदा करनेवाले 20 रिएक्टर काम कर रहे है जबकि छह निर्माणाधीन है.
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