भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर किसानों की परेशानियां जानने के लिए उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा से पदयात्रा पर निकले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली या लखनऊ में बैठकर किसानों की समस्याओं को नहीं समझा जा सकता, इसके लिए जमीन पर उतरने की जरूरत है।
पदयात्रा के चौथे दिन अलीगढ़ के देवाका गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि राजनीति में जब तक कोई व्यक्ति जनता के बीच नहीं जाता,तब तक बात सामने नहीं आती, चाहे वह कितना ही होशियार क्यों न हो। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याएं जमीन पर उतरे बिना और उनके बीच जाए बिना नहीं समझी जा सकतीं।
राहुल ने कहा कि जब हम दिल्ली या लखनऊ में बैठतें हैं तो हमें जमीनी हकीकत और सच्चाई के बारे में कुछ पता नहीं होता। सच्चाई जानने के लिए जमीन पर आना जरूरी होता है। पदयात्रा के अनुभवों को बांटते हुए राहुल ने कहा कि उन्हें इससे बहुत कुछ सीखने को मिला है। मरोड़गढ़ी गांव में रात बिताने के बाद शुक्रवार सुबह सात बजे राहुल देवाका गांव पहुंचे थे। यहां के बाद उनकी पदयात्रा का अगला पड़ाव गौराला गांव है। राहुल की पदयात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है मायावती सरकार पर उनके हमले तीखे होते जा रहे हैं।
नोएडा एक्सटेंशन को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए राहुल ने कहा कि देश की सबसे बड़ी अदालत द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को किसानों की जमीन वापस लौटाने का आदेश देने से साफ हो गया है कि मायावती सरकार की नीतियां कितनी गलत हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की नीयत में खोट है। वह किसानों को लूटने के बावजूद सीनाजोरी कर रही है। पदयात्रा के तीसरे दिन मायावती सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा था कि उत्तर प्रदेश बंटा हुआ है इसलिए राज्य सरकार को दलाल चला रहे हैं। उन्होंने किसानों से एकजुट होकर राज्य सरकार के अन्याय का विरोध करने का आह्वान किया था।
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