लोकपाल बिल के लिए संघर्ष कर रहे अन्ना हजारे की टीम के एक अहम सदस्य स्वामी अग्निवेश ने कहा कि अन्ना जल्दबाजी दिखा रहे हैं. मेरठ में एक विवाह में शामिल होने आए अग्निवेश ने कहा कि संसद में पेश हुए बिल का मसौदा देखे बिना आंदोलन का प्रारूप और स्थान तय करना ठीक नहीं है. इससे दबाव बनता है.
स्वामी ने कहा कि हमें देखना चाहिए कि सरकार कैसा बिल पेश करती है. अगर हमारी अपेक्षा पर सरकार का ड्राफ्ट फिट नहीं बैठता है तो उसके बाद सबको मिलकर आंदोलन की रूपरेखा तय करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आमरण अनशन हमारा अंतिम हथियार होना चाहिए न कि पहला.
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह उनके निजी विचार हैं और वह भी अन्ना की टीम के अहम सदस्य हैं. रामदेव मामले पर उन्होंने कहा कि सरकार के पास सभी साम, दाम, दंड-भेद की नीतियां होती हैं, लेकिन हम आंदोलनकारियों के पास केवल सच और पारदर्शिता की ताकत है. अगर हम पारदर्शिता नहीं बरतेंगे, सच छिपाएंगे तो घोर अंजाम भुगतने होंगे. रामदेव ने यही गलती की और अंजाम सबने देखा.
भ्रष्टाचार के बारे में उन्होंने कहा कि देश को एक नया गणतंत्र चाहिए. बड़े विकल्प की जरूरत है. अब तक की हुई क्षति की भरपाई न यूपीए से होगी, न एनडीए से. उन्होंने कहा कि अब तक गणतंत्र में केवल तंत्र ही तंत्र रहा. पहली बार गण ने दस्तक दी है. सरकार को बता दिया गया है कि नीतियां भले ही वे बनाएंगे, लेकिन बताएगा देश का नागरिक समाज न कि हिलेरी क्लिंटन जैसे लोग. उन्होंने कहा कि लोकपाल की जंग से जनता में विश्वास जगा है. इस विश्वास को और आगे बढ़ना है.
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