मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि बिजली के क्षेत्र में प्रगति के लिए सरकार ने पांच वर्ष की कार्य योजनाएं तैयार की हैं। साल भर में 6000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगेगा। फिलहाल मांग के अनुरूप 1500 मेगावाट बिजली आपूर्ति होती है। अगले साल भर में 6000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। सरकार ऊर्जा बचत योजना पर भी काम कर रही है। पंचायतों को सीएफएल बल्ब से जोड़ेंगे। इसके लिए ग्रामीणों को 85 प्रतिशत सब्सिडी देंगे।
राज्य में पीकआवर में 200-250 मेगावाट बिजली की कमी है। जेएसइबी हर माह 215 करोड़ की बिजली खरीदता है। नॉर्थ कर्णपुरा पावर प्रोजेक्ट पर मुख्यमंत्री ने केंद्र के रुख पर निशाना साधा। कहा कि गरही जलाशय योजना का काम राज्य सरकार ने जब पूरा कर दिया, तो कोयला मंत्रालय ने ऊर्जा मंत्रालय को पत्र लिखा कि वहां 300 मीटर नीचे तक कोयला है इसलिए प्रोजेक्ट लगाना संभव नहीं है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय कोयला मंत्रालय को बताये कि पूर्व प्रधानमंत्री ने योजना का शिलान्यास किया था।’ पतरातू और चांडिल या खूंटी में ताप विद्युत घर बनाने का निर्णय’ अगले एक साल में पीटीपीएस का उत्पादन 470 मेगावाट होगा’ पतरातू में दो गुना 660 की दो नई यूनिट लगायी जाएगी’ यूनिट नंबर 1-7 तक की रिपेयरिंग, मेंटेनेंस पर 505 करोड़ खर्च होंगे’ आइपीपी में राज्य सरकार की 25 प्रतिशत (2475 मेगावाट ) की भागीदारी होगी’ 2012-13 तक डीवीसी की परियोजनाएं से 1050 मेगावाट बिजली मिलेगी’ जेएसइबी ने एनटीपीसी की कई थर्मल स्टेशन से एकरारनामा किया है’ संचरण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए 1600 करोड़ की योजना’ सूचना भवन में सचिवालय पुस्तकालय की स्थापना होगी’ सूचना भवन में डिजीटल लाइब्रेरी की स्थापना होगी’ ऑडियो- वीडियो संग्रह भी स्थापित किया जाएगा’ जनसंचार का अध्ययन करने के लिए छात्रवृति योजना लागू’ शोध और फेलोशिप के 29 आवेदन स्वीकार, 50 हजार
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें