खेल की जिम्मेदारी खिलाडी को क्यूँ नहीं ? - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 14 जुलाई 2011

खेल की जिम्मेदारी खिलाडी को क्यूँ नहीं ?

पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के चुनावों में अपने पूर्व साथी क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर को ही उचित उम्मीदवार बताते हुए कहा है कि उनमें एमसीए का अध्यक्ष बनने की पूरी काबिलियत है। यहां क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया के सी.के नायडू हॉल में कपिल ने मतदाताओं से क्रिकेटरों को वोट देने की अपील की ताकि वह प्रशासनिक पदों पर खुद को साबित कर सकें।

कपिल ने कहा, मुझे समझ नहीं आता कि खेल से जुडे लोगों को क्यों प्रशासनिक जिम्मेदारियां संभालने का मौका नहीं दिया जाता। मैं या कोई और क्रिकेटर क्रिकेट के अलावा कुछ नहीं जानता और यदि क्रिकेटर ही इस खेल से जुड़े प्रशासनिक काम नहीं संभाल सकते तो उनके अलावा कोई भी नहीं संभाल सकता।

कपिल ने कहा, एक वित्तमंत्री किसी क्रिकेटर को कभी कोई वित्तीय जिम्मेदारी नहीं देगा। जब प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल का गठन करते हैं तो क्या वह क्रिकेटर को उसमें शामिल करते हैं। तो फिर हम उन लोगों को क्रिकेट से संबंधित जिम्मेदारियां क्यों सौंपते हैं जो इस खेल के बारे में कुछ नहीं जानते हैं।

कपिल ने कहा, क्रिकेटर जब युवा होता है तो इसी खेल के लिए अपना खून पसीना बहाता है इसलिए क्रिकेट संघों के संचालन के लिए क्रिकेटर का ही चुनाव करना उचित है। मुझे लगता है कि एक क्रिकेट संगठन का संचालन एक क्रिकेटर ही उचित ढंग से कर सकता है। उन्होंने कहा, मुंबई हमेशा नए ट्रेंड बनाती है इसलिए मैं आपसे अपील करता हूं कि वेंगसरकर को चुनकर आप क्रिकेट संघों में क्रि केटरों को मौका देने के एक और नए ट्रेंड की शुरुआत करें।

कपिल ने कहा, आप हर मैच में 100 रन नहीं बना सकते। कभी-कभी आपको शून्य पर भी आउट होना पड़ता है। लेकिन एक खिलाड़ी ही शून्य से शतक का रास्ता तय कर सकता है। खिलाड़ियों में किसी प्रकार का घमंड नहीं होता बल्कि उनमें भरपूर आत्मविश्वास होता है। उन्होंने कहा, आप कहते हैं कि हमें कुछ पता नहीं है, लेकिन यदि आप हमें सीखने का मौका ही नहीं देंगे तो हमें चीजों के बारे में पता कैसे चल पाएगा। मुझे वेंगसरकर पर पूरा भरोसा है। मुझे लगता है कि अध्यक्ष पद के लिए वह ही सही उम्मीदवार है।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को होने वाले एमसीए के अध्यक्ष के चुनाव में वेंगसरकर के सामने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख की कड़ी चुनौती है।

कोई टिप्पणी नहीं: