आने वाले समय में देशभर के डाकघर बैंक में तब्दील हो सकते हैं। डाक विभाग ने इसके लिये नई रणनीति अपनाई है और अगले साल तक उसकी डाकघरों में कोर बैंकिंग सेवायें उपलब्ध कराने की योजना है। इसके तहत इंडिया पोस्ट एटीएम और डेबिट कार्ड भी जारी किये जायेंगे।
डाक विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि हमने 2012 तक मुख्य बैंकिंग समाधान उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। इससे ऑनलाइन लेन देन सुचारू तरीके से हो सकेगा। हम अभी कुछ ई-पेमेंट सुविधा दे रहे हैं।
अधिकारी ने कहा कि भारतीय डाक के 1,000 एटीएम स्थापित करने का काम प्रगति पर है और इस बारे में विभाग की पहले ही कई वेंडरों से बातचीत हो चुकी है। हम अपने वर्तमान बचत खाताधारकों को डेबिट कार्ड भी उपलब्ध कराएंगे।
विभाग बैंकों के साथ भी गठजोड़ की कोशिश कर रहा है जिससे भारतीय डाक के डेबिट कार्ड का इस्तेमाल देशभर में एटीएम मशीनों में किया जा सके। 1.44 लाख डाकघरों के नेटवर्क के साथ डाक विभाग ने खुद को डाक बैंक में तब्दील करने की तैयारी की है। अधिकारी ने कहा कि यह काफी हद तक संभव है। हम तीन—चौथाई बैंकिंग सेवाएं दे रहे हैं और हमारी पहुंच व्यापक है। इस ढांचा लगभग तैयार है। हमने इस बारे में वित्त मंत्रालय को भी प्रस्ताव दिया है और हमें उसके जवाब का इंतजार है। अधिकारी ने कहा कि डाक बैंक की स्थापना का मकसद आधुनिक बैंकिंग सेवाओं से वंचित ग्रामीण क्षेत्रों के गरीबों को बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराना है। योजना आयोग ने 11वीं पंचवर्षीय योजना में भारतीय डाक बैंक की स्थापना के लिए अध्ययन एवं अन्य छोटे—मोटे खर्चों के लिए 5 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
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