बिहार में नदियां खतरे के निशान के ऊपर. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 5 जुलाई 2011

बिहार में नदियां खतरे के निशान के ऊपर.

बिहार में बाढ़ की स्थिति धीरे-धीरे गम्भीर होते जा रही है। इस बीच नेपाल से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है। राज्य की प्रमुख नदियां कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य के मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, गोपालगंज, सहरसा, मधेपुरा, पश्चिम चंपारण और शिवहर जिले की करीब आठ लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक कई नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष में इंजिनियर रविशंकर सिंह ने बताया कि गंडक नदी पर बने वाल्मीकि बैराज में आठ बजे सुबह 1,89,000 क्यूसेक पानी का बहाव था जबकि कोसी नदी के वीरपुर बराज से कोसी नदी का बहाव सुबह छह बजे 1,37,885 क्यूसेक था जो आठ बजे सुबह बढ़कर 1,38,740 क्यूसेक हो गया है। एक और अधिकारी के मुताबिक बागमती नदी चंदौली, रूनीसैदपुर तथा बेनीबाद में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है जबकि कमला बलान नदी झंझारपुर में खतरे के निशान को पार कर गई है। बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी नदी बलतारा में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।

राज्य के मुजफ्फरपुर जिले के औराई, गायघाट और कटरा प्रखंड में बागमती का कहर जारी है। औराई के करीब दो दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है तो कटरा में 1500 घर के लोग बाढ़ के कारण परेशानी का सामना कर रहे हैं। बेतिया में सिकटा रेलवे स्टेशन पर बाढ़ का पानी फैल गया है। इस बीच राज्य के कई तटबंधों में कटाव जारी है।

इस बीच राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के दल को भेज दिया है। विभाग के प्रधान सचिव ब्यास जी ने मंगलवार को बताया कि बाढ़ आशंका वाले क्षेत्रों में अनाज का प्रबंध और ऊंचे स्थानों की पहचान कर ली गई है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ के दल को भेज दिया गया है जिससे बाढ़ प्रभावित इलाकों में तुरंत राहत पहुंचाई जा सके।