सरकार एक तरफ जहां नरेगा से लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार देने का दावा कर रही है, वहीं नरेगा श्रमिकों को दो-दो, तीन-तीन और चार-चार रुपए की मजदूरी भी मिली है। इस रकम में परिवार चलाना तो दूर, एक कप चाय भी नहीं मिल सकती।
सरकार की जानकारी में आने के बाद भी मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। नरेगा श्रमिकों के पक्ष में आवाज उठाने वाले संगठन सूचना एवं रोजगार का अधिकार अभियान की ओर से किए गए 2009-10 के सैंपल सर्वे में यह खुलासा हुआ है। सर्वे के अनुसार जैसलमेर जिले की सम पंचायत समिति की दव पंचायत में दो रुपए, सवाई माधोपुर जिले की खंडार पंचायत समिति की अक्षयगढ़ पंचायत में तीन रुपए और धौलपुर जिले की बसेड़ी पंचायत समिति की आंगई पंचायत में चार-चार रुपए मजदूरी मिली है।
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