हरिद्वार में काले धन को लेकर आंदोलनरत योग गुरू बाबा रामदेव ने सोमवार को केन्द्र सरकार पर फिर निशाना साधा. योग गुरू ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार देश को लूटने के बाद अब ट्रस्टों को लूटना चाहती है.
रामदेव ने काले धन को लेकर एसआईटी गठित करने के उच्चतम न्यायालय द्वारा सरकार को दिये गये आदेश के बाद कहा कि उनको तो केन्द्र सरकार ने साम्प्रदायिक कह दिया था. यदि गत चार जून को सरकार ने उनकी बात मान ली होती तो आज उसे शाबाशी मिलती न कि देश के सर्वोच्च अदालत की फटकार. उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिरों का सरकारीकरण किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. पूरी दुनिया में न तो कोई चर्च और न ही अन्य धार्मिक स्थल का सरकारीकरण किया गया है, लेकिन केन्द्र सरकार धार्मिक स्थलों पर नजर गड़ाये हुये है.
रामदेव ने कहा कि केन्द्र सरकार को राष्ट्रीय किसान आयोग बनाने में क्या परेशानी हो रही है. उन्होंने दावा किया, 'हम किसान आयोग बनवाकर ही दम लेंगे.' बाबा रामदेव ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले पर सोमवार को पतंजलि योगपीठ में दीवाली मनायी जायेगी, क्योंकि यह एक ऐतिहासिक फैसला है. उच्चतम न्यायालय ने जिस तरह से सरकार को निर्देश दिये हैं उससे साफतौर पर लगता है कि काले धन को लेकर सरकार की मंशा ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि इस सरकार को देश के 121 करोड लोगों के हितों के बारे में सोचना चाहिये. सरकार तो उनके मिशन को कुचलने के लिये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर षडयंत्र रच रही है.
रामदेव ने खुद द्वारा गत 30 मई को केन्द्र सरकार को दिये गये मांग पत्र और चार जून को केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा रामदेव को लिखे पत्र को भी सार्वजनिक किया. पत्र में सिब्बल ने काले धन को राष्ट्रीय सम्पत्ति मानते हुये उसे जब्त किये जाने को जायज बताया है.
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