नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण बिहार की सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है.
राज्य के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ ) की चार टीमों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजने का निर्णय लिया है.
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक कोसी और गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. गंडक नदी पर बने बाल्मीकी बराज से सुबह आठ बजे जल का प्रवाह 2,06,400 क्यूसेक था, जबकि कोसी नदी के वीरपुर बराज से कोसी नदी का जल प्रवाह सुबह आठ बजे 1,27,315 क्यूसेक था.
एक अन्य अधिकारी के मुताबिक बागमती रूनीसैदपुर तथा बेनीबाद में खतरे के निशान से ऊउपर बह रही है. जबकि कमला बलान नदी जयनगर में खतरे का निशान पार कर गई है. बिहार की शोक कही जाने वाली कोसी नदी फतुआ और बलतारा में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण तटबंधों में कटाव भी तेजी से हो रहा है.
राज्य के मुजफ्फरपुर जिले के औराई, गायघाट और कटरा प्रखंड में बागमती का कहर जारी है. औराई के करीब दो दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है, तो कटरा में 1,000 घर बाढ़ की चपेट में हैं. इधर, डुमरी गांव में लखनदेई नदी का तटबंध लगभग 200 फुट टूट चुका है. सीतामढ़ी के सोनबर्षा गांव में स्थित सशस्त्र सीमा बल के शिविर में झीम नदी का पानी घुस गया है. गोपालगंज जिले में गंडक ने अपना रौद्र रूप दिखाया है. जिले के सेमरिया में गंडक के पुराने तटबंध में रिसाव प्रारम्भ हो गया है.
बेतिया के बथवरिया थाना क्षेत्र में मुसहर टोली के समीप बाढ़ के पानी में डूबकर दो लोगों की मौत हो गई है. बगहा में भी बाढ़ का कहर जारी है. रतवाल, बघविरवा के अलावा पिपरासी प्रखंड में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. दरभंगा जिले के कुशेश्वर स्थान, पूर्वी और पश्चिमी प्रखंडों के अधिकांश गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इन गांवों का प्रखंड मुख्यालय से सम्पर्क टूट गया है. इधर, मधुबनी जिले के निर्मली और झंझारपुर अनुमंडल के कुछ गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है.
राज्य के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दावा किया है कि विभाग से सम्बंधित सभी तटबंध सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि तटबंधों पर दबाव अवश्य बना हुआ है, परंतु स्थिति सामान्य है. उन्होंने कहा कि जिन तटबंधों पर दबाव बना हुआ है, वहां चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है.
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