एक लंबे समय बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ बातचीत के दौरान कश्मीर का मुद्दा नहीं उठाया है। भारत दौरे पर आईं पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के साथ बातचीत के बाद साझा बयान जारी करते हुए कश्मीर शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। हालांकि अमेरिका में गिरफ्तार आईएसआई एजेंट ने कश्मीर का मसला जरूर उठाया।
जानकार बता रहे हैं कि पिछले दो दशकों में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत के दौरान यह पहला मौका है जब पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा नहीं उठाया है। विदेश मामलों के जानकार माहरुफ रजा का कहना है कि यह पाकिस्तान की नीति में बड़ा बदलाव का संकेत हो सकते हैं। हैदराबाद हाउस में कृष्णा से मुलाकात के बाद हिना रब्बानी खार ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के ऊपर दक्षिण एशिया को लेकर बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के सामने एक तरह की चुनौती है। खार ने कहा, 'हमें अपने बीच अविश्वास को कम करने के उपाय करने होंगे। हमारी कोशिश होगी कि जनता के हित को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई जाएं। मुझे यकीन है कि हमारे बीच जिन मुद्दों को लेकर मतभेद या विवाद है, उन्हें बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा। दोनों देशों के बीच वित्तीय और कारोबारी सहयोग की नई शुरुआत हुई है। दोनों देशों के बीच बातचीत का सिलसिला बरकरार रहना चाहिए।'
एसएम कृष्णा ने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत के जरिए सभी मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा। कृष्णा ने कहा, 'मैं बातचीत से खुश हूं। भारत और पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) के दोनों तरफ रहने वाले लोगों की भलाई के लिए साथ काम करेंगे। एलओसी पर कारोबार में तेजी लाए जाने पर सहमति हुई है।' हिना ने आज भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से भी मुलाकात की। हिना ने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की वार्ता शुरू होने से पहले मीडिया से मुखातिब होते हुए एक बार फिर से कहा कि दोनों देशों को इतिहास से सबक लेना चाहिए। हालांकि पाकिस्तान की सबसे कम उम्र की विदेश मंत्री हिना दो दिनों के दौरे पर जब मंगलवार की दोपहर भारत पहुंचीं तो वह सबसे पहले हुर्रियत कांफ्रेंस के 5 अलगाववादी नेताओं से मिलीं। सूत्रों के मुताबिक भारतीय विदेश मंत्रालय ने मेहमान विदेश मंत्री के इस कदम पर नाराजगी जताई है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने किसी सरकारी प्रतिनिधि या अपने समकक्ष से मुलाकात से पहले अलगाववादियों से मिलने से एक नया विवाद उठ गया है।
कश्मीर पर अमेरिकी विचारधारा को प्रभावित करने के लिए पाकिस्तान और इसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए गैरकानूनी तरीके से लॉबिंग करने के आरोप में गिरफ्तार अलगाववादी नेता गुलाम नबी फई ने कहा है कि कश्मीर के लोगों को अमेरिका से डरने की जरूरत नहीं है। 62 साल के फई के वकील खुर्रु वाहिद ने अलगाववादी कश्मीरी नेता के लिखित बयान की प्रतियां बांटी। फई को आज एक लाख अमेरिकी डॉलर के निजी मुचलके पर जेल से रिहा कर दिया गया लेकिन उसे इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के तहत नजरबंद रखने के लिए आदेश दिए गए हैं।
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