33वें कोर के पूर्व कमान अधिकारी, लेफ्टिनेंट जनरल पी.के. रथ को दोषी ठहराने वाले जनरल कोर्ट मार्शल (जीसीएम) की सोमवार को फिर से शिलांग में बैठक हो रही है। बैठक में रथ के एक आरोप में दोषमुक्त होने पर फिर से विचार किया जाना है।
पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडर-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बिक्रम सिंह ने यहां 58 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र में बैठक करने के लिए जीसीएम को आदेश दिया। सेना के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि कन्फर्मिक अधिकारी (बिक्रम सिंह) ने जीसीएम को आदेश दिया कि वह अपने उन निष्कर्षों पर पुनर्विचार करने के लिए सोमवार को फिर से बैठक करे, जिसमें रथ को प्रथम आरोप में दोषी नहीं पाया गया है।
अधिकारी ने कहा कि जीसीएम अपने निष्कर्षों की समीक्षा करेगा, क्योंकि यह आधिकारिक सबूत को ठीक से समझ नहीं पाया और सबूत को उचित महत्व नहीं दे पाया।
रथ पर सेना के साथ सायास धोखाधड़ी करने का आरोप है। उन्होंने एक निजी स्थायी सम्पत्ति व्यापारी को दार्जीलिंग जिले में सुकना सैन्य केंद्र से लगे 70 एकड़ के एक भूखण्ड पर एक शैक्षिक संस्थान का निर्माण करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया था।
आठ महीने तक चली कोर्ट मार्शल कार्रवाई के दौरान रथ को तीन मामलों में दोषी पाया गया। कोर्ट मार्शल की कार्रवाई में पांच वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल शामिल थे और इसके प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आई.पी. सिंह थे।
जनवरी में जीसीएम ने रथ का पद और नियुक्ति वरीयता वापस लेने की सिफारिश की थी, जिसे 24 मई, 2010 से प्रभावी होना था। अनुशासनहीनता के लिए दंडित किए जाने वाले रथ वरिष्ठतम सेवारत जनरल हैं। उनके खिलाफ कुछ ही दिनों में सजा सुनाई जा सकती है। इस मामले में एक और वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल अवधेश प्रकाश के खिलाफ भी जल्द ही कोर्ट मार्शल की कार्रवाई हो सकती है। जनरल दीपक कपूर के सेना प्रमुख होने के दौरान जनरल प्रकाश सेना सचिव थे। जनरल प्रकाश के खिलाफ कोर्ट मार्शल का आदेश जनरल कपूर ने अपने रिटायरमेंट (मार्च 2010) से पहले ही दे दी थी।
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