पटना के दानापुर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की विधायक आशा सिन्हा की स्कॉर्पियो गाड़ी में सवार हत्या के नौ संदिग्ध आरोपियों के पकड़े जाने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। मृतक की मां का आरोप है कि विधायक ने ही उनके बेटे को मरवाया है, जबकि विधायक ने खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया है।
खगौल थाना क्षेत्र के गाड़ीखाना इलाके में हरीश पासवान की शनिवार को हत्या हुई थी। हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी। इसी दौरान रविवार तड़के एक स्कॉर्पियो गाड़ी से नौ अपराधियों को धर दबोचा गया। स्कॉर्पियो पर विधानसभा का स्टीकर चिपका हुआ था और इसके सभी कागजात आशा सिन्हा के नाम से थे। इसे उनका निजी चालक वीरेंद्र कुमार चला रहा था।
पासवान की मां उमा देवी ने अपने पहले के बयान से पलटते हुए रविवार को कहा कि विधायक ने ही हरीश की हत्या करवाई है। उनके अनुसार, वह हरीश को रंगदारी वसूलने और हत्या करने के लिए कहती थीं, लेकिन हरीश ने ऐसा करने से इनकार कर दिया, जिसके कारण विधायक ने उसकी हत्या करवा दी। वहीं, विधायक आशा सिन्हा ने खुद पर लगे आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि यह सब उन्हें बदनाम करने की साजिश है। उनके अनुसार, वह हरीश को पहचानती भी नहीं हैं। उनका वाहन चालक शनिवार को उन्हें धोखे में रखकर गाड़ी ले गया था।
दानापुर की सहायक एसपी हरप्रीत कौर ने बताया कि हरीश की हत्या के मामले में एफआईआर शनिवार को ही दर्ज की जा चुकी है। विधायक पर लगे आरोपों तथा उनके वाहन से संबंधित मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि हरीश की हत्या के मामले में पुलिस अब तक बीजेपी के एक स्थानीय नेता मनोज केसरी सहित 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
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