सुप्रीम कोर्ट ने 'वोट के बदले नोट' मामले में 'लचर' जांच के लिए शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को जमकर झाड़ लगाई और पूछा कि मामले में अब तक हिरासत में लेकर पूछताछ क्यों नहीं की गई।
जस्टिस आफताब आलम की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'दिल्ली पुलिस द्वारा की गई जांच से हम बिलकुल भी खुश नहीं हैं। इस तरह की गंभीर प्रकृति के अपराध को साबित करने का यह कोई तरीका नहीं है।'
जांच पर असंतोष व्यक्त करते हुए पीठ ने कहा कि पुलिस ने दो साल से अधिक समय के बाद भी मामले में कोई प्रगति नहीं की है। इसने कहा, 'दो साल में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। हम सचमुच चिंतित हैं। जांच तेजी से बढ़नी चाहिए और इसे इसके तार्किक अंजाम तक पहुंचाया जाना चाहिए।'
कोर्ट पूर्व चुनाव आयुक्त जेएम लिंगदोह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सरकार को मामले में शामिल राजनीतिज्ञों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। मामला जुलाई 2008 में यूपीए सरकार के विश्वास मत से जुड़ा है।
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