लोकपाल बिल संसद की मर्जी से बनेगा:-सरकार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 4 जुलाई 2011

लोकपाल बिल संसद की मर्जी से बनेगा:-सरकार


सरकार ने आज साफ कर दिया कि लोकपाल बिल संसद की मर्जी से बनेगा, सिविल सोसायटी की मर्जी से नहीं। सरकार ने कहा है कि टीम अन्‍ना के ड्राफ्ट पर अमल किया गया तो लोकपाल बिल बनाने के लिए संविधान में बड़े पैमाने पर बदलाव करना पड़ेगा। सरकार के मुताबिक वह कानून बनाएगी, फिर से संविधान नहीं लिखने जा रही है। सरकार का कहना है कि जो भी कानून बनाया जाएगा, वो संविधान के तहत होगा।

पीएम को लोकपाल बिल के दायरे में रखने पर सर्वदलीय बैठक में हुई चर्चा के बारे में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, 'यह समय फिर से संविधान लिखे जाने का नहीं है। उन्‍होंने कहा कि लोकपाल बिल आगामी मॉनसून सत्र के दौरान संसद में पेश किया जाएगा। सरकार जल्‍द से जल्‍द यह बिल पारित करने की कोशिश में है। गृह मंत्री ने आश्‍वासन दिया कि लोकपाल बिल से देश के अधिकतर लोगों को फायदा होगा।

गृह मंत्री ने रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक का ब्‍यौरा देते हुए कहा मीटिंग में हिस्‍सा लेने वाली सभी पार्टियों का भी मानना है कि कानून बनाने के लिए संसदीय प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। सर्वदलीय बैठक में ज्‍यादातर पार्टियों ने इस मसले पर सिविल सोसाइटी की सक्रियता पर भी सवाल उठाए। प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद संसदीय कार्य मंत्री पीके बंसल ने कहा कि मीटिंग में शामिल 31 में से दो या तीन सदस्‍यों ने कहा कि पीएम को लोकपाल बिल के दायरे में लाया जाना चाहिए, बाकी सदस्‍य इसके पक्ष में नहीं थे।

लोकपाल के दायरे में आने को लेकर पीएम के व्‍यक्तिगत विचार के बारे में कपिल सिब्‍बल ने कहा, 'हम किसी व्‍यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्‍था की गरिमा बरकरार रखने का प्रयास कर रहे हैं।' टीम अन्‍ना इस बात पर अटल है कि अगर संसद में 'मजबूत लोकपाल' के लिए कानून पारित नहीं हुआ तो इसके लिए अनशन होगा। अन्‍ना हजारे की अगुवाई वाली सिविल सोसायटी चाहती है कि पीएम और शीर्ष न्‍यायपालिका को भी लोकपाल बिल के दायरे में लाया जाना चाहिए।

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