अमेरिका, तिब्बत को चीन का भाग मानता है और इस क्षेत्र की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करता। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे. कॉर्नी ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, तिब्बत की स्थिति पर अमेरिका के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। हम तिब्बत को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का भाग मानते हैं और उसकी स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करते।
उन्होंने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सप्ताहांत में तिब्बत के आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा के साथ हुई बैठक वहां की परंपराओं के संरक्षण और वहां के लोगों के अधिकारों को अमेरिकी समर्थन व्यक्त करने के लिए थी।
कॉर्नी ने कहा, लंबे समय से चले आ रहे मतभेदों को सुलझाने के लिए दलाई लामा के प्रतिनिधियों और चीन सरकार के बीच बातचीत का राष्ट्रपति समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि दलाई लामा को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है और वह अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक नेता हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह अन्य राष्ट्रपति दलाई लामा से मिलते हैं, उसी तरह ओबामा ने भी उनसे मुलाकात की।
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