योगगुरू बाबा रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण के खिलाफ सीबीआई ने लुकआउट नोटिस जारी किया है। सीबीआई ने बालकृष्ण का पोसपोर्ट रद्द करने के लिए भी विदेश मंत्रालय से सम्पर्क किया है। एजेंसी का कहना है कि पासपोर्ट फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्राप्त किए गए।
सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने बालकृष्ण के खिलाफ धारा 420 (ठगी), धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और भारतीय पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12 के उल्लंघन के तहत मामला दर्ज करने के बाद उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने विदेश मंत्रालय से बालकृष्ण का पासपोर्ट रद्द करने के लिए लिखा है। उन्होंने कहा, चूंकि पासपोर्ट उनके पास है, इसलिए हम यात्रा दस्तावेज को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही लुकआउट नोटिस भी जारी किया है ताकि वह देश छोड़कर नहीं भाग सकें।
इस आशय का नोटिस सभी हवाई अड्डों, बंदरगाहों, प्रमुख बस डिपो और सीमा चौकियों (विशेष तौर पर भारत-नेपाल सीमा पर) को भेजा गया है। सूत्रों ने बताया कि बालकृष्ण की नागरिकता सुनिश्चित करने के बारे में भी जांच चल रही है ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि वह भारत का नागरिक है या नेपाल का। बालकृष्ण की दो डिग्रियां 1991 में उच्च विद्यालय से जारी पूर्व मध्यमा और 1996 की शास्त्री संस्कत डिग्री-विश्वविद्यालय के रिकार्ड में नहीं पाये गए हैं। दस्तावेज से स्पष्ट हुआ है कि विश्वविद्यालय की अनुषांगी कृष्ण संस्कृत महाविद्यालय की ओर से प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं, इस प्रमाणपत्र को विश्वविद्यालय के कुलपति ने फर्जी बताया है। सीबीआई ने सभी दस्तावेज बरेली के पासपोर्ट कार्यालय से प्राप्त किए हैं। सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि ऐसे आरोप हैं कि बालकृष्ण ने कुछ फर्जी दस्तावेज के आधार पर पासपोर्ट हासिल किया जो भारतीय पासपोर्ट अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है। बहरहाल, रामदेव के नियंत्रण वाले पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
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