आखिरकार सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद दिल्ली पुलिस ने अपनी झेंप मिटाने के लिए कैश फार वोट मामले के एक आरोपी संजीव सक्सेना को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। संजीव सक्सेना को समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह का नजदीकी बताया जाता है। हालांकि अमर सिंह ने इस बात से इंकार किया है कि सक्सेना से उनका कोई लेना देना है, पर उन्होंने इतना जरूर स्वीकार किया कि संजीव सक्सेना का उनके यहां आना जाना था।
पुलिस संजीव से देर रात तक पूछताछ करती रही। माना जा रहा है कि संजीव से अमर सिंह, सपा सांसद रेवती रमण सिंह और सुहेल हिंदुस्तानी की भूमिका के बारे में भी पूछताछ की जाएगी। गौरतलब है कि 22 जुलाई, 2008 को भाजपा सांसद अशोक अरगल, फग्गन सिंह कुलस्ते व महावीर भगोरा ने संसद भवन को उस समय सख्ते में डाल दिया था जब उन्होंने वोट के लिए एक करोड़ मिलने की बात संसद को बताई। उन्होंने कहाकि उन्हें यह रकम अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संप्रग सरकार के पक्ष में वोट देने के लिए मिला है।इन सांसदों ने बकायदा उन रुपये को संसद के भीतर लहराए भी थे।
मनमोहन सरकार भारत और अमेरिका के बीच हुए परमाणु करार के विरोध में वामपंथी दलों द्वारा समर्थन वापस लेने के कारण अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही थी। कैश फार वोट मामले की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा कर रही है। लेकिन वह भी दो साल से इस मामले में हीवा हवाली कर रही थी पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस के ढीले रवैये पर सवाल उठाया और दो सप्ताह में जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा। मामला फंसता देख अपराध शाखा सक्रिय हुई और इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले संजीव सक्सेना को रविवार को नोटिस देकर अपने दफ्तर बुलाया। इसके बाद अपराध शाखा के उपायुक्त अशोक चांद ने संजीव की गिरफ्तारी की सूचना दी। संजीव से पूछताछ जारी है।
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