राजस्थान विधानसभा में सेक्शन ऑफिसर सुनील सिंह को पुलिस ने रविवार को नकली नोट छापते गिरफ्तार कर लिया। उससे कलर प्रिंटर मशीन व अन्य सामान बरामद किया गया है। इसके अलावा चेक बाउंस के मामले में एक व्यक्ति को दिए गए 8.91 लाख रु. के एक-एक हजार के नकली नोट भी जब्त किए हैं।
सदर एसीपी बजरंग सिंह ने बताया कि आरोपी न्यू सांगानेर रोड स्थित रामपथ श्याम नगर का रहने वाला है और सेवानिवृत्त न्यायाधीश तथा विधानसभा के पूर्व सचिव जसवंत सिंह का बेटा है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने कुछ समय पहले प्लॉट खरीदे थे, जिसके कारण उस पर करीब चालीस लाख रु. का कर्जा हो गया। इसी को चुकाने के लिए उसने नकली नोट छापने का धंधा छापना शुरू किया। आरोपी ने नकली नोट कहां-कहां तथा कब-कब चलाए हैं, इस बारे में पुलिस तथा तथा सीआईडी सीबी जांच कर रही है। पुलिस ने पूछताछ के लिए उसे चार दिन के रिमांड पर लिया है।
सुनील का बैंक कर्मचारी सुरेश कुमार विजय से साढ़े चार लाख रु. के चेक बाउंस के मामले में कोर्ट में विवाद चल रहा था। शनिवार को सुनील ने उसे समझौते के लिए कोर्ट में बुलाया। यहां सुनील ने सुरेश को बैग में आठ लाख 91 हजार रु. नकद तथा एक लाख रु. का चेक दे दिया और राजीनामे के कागजात तैयार करवा लिए। कोर्ट में भीड़ होने के कारण सुरेश ने रुपए गिने नहीं। बाद में सुरेश ने वकील को फीस देने के लिए रुपए निकाले तो नकली मिले। इस पर उसने सदर थाने में मामला दर्ज कराया। आरोपी ने बैंक कर्मचारी सुरेश को हजार-हजार के 891 नकली नोटों की नौ गड्डियां दीं। इनमें सभी नोटों पर एक ही नंबर 2 सीए 536110 थे। कई नोटों पर तो एक तरफ ही प्रिंटिंग है।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने विधानसभा में कम्प्यूटर स्केनर से एक हजार रु. का नोट स्केन किया, फिर उसे कॉपी कर पेन ड्राइव में घर ले आया। मई में वह कलर प्रिंटर खरीदकर लाया तथा एक-दो नोट प्रिंटर से निकाले तो हूबहू असली नोट जैसे निकले। तीन दिन पहले जब परिवार वाले बाहर गए थे तो मौका देखकर उसने नकली नोट छापने शुरू किए और नौ गड्डियां बना लीं।
सदर एसीपी बजरंग सिंह ने बताया कि आरोपी न्यू सांगानेर रोड स्थित रामपथ श्याम नगर का रहने वाला है और सेवानिवृत्त न्यायाधीश तथा विधानसभा के पूर्व सचिव जसवंत सिंह का बेटा है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने कुछ समय पहले प्लॉट खरीदे थे, जिसके कारण उस पर करीब चालीस लाख रु. का कर्जा हो गया। इसी को चुकाने के लिए उसने नकली नोट छापने का धंधा छापना शुरू किया। आरोपी ने नकली नोट कहां-कहां तथा कब-कब चलाए हैं, इस बारे में पुलिस तथा तथा सीआईडी सीबी जांच कर रही है। पुलिस ने पूछताछ के लिए उसे चार दिन के रिमांड पर लिया है।
सुनील का बैंक कर्मचारी सुरेश कुमार विजय से साढ़े चार लाख रु. के चेक बाउंस के मामले में कोर्ट में विवाद चल रहा था। शनिवार को सुनील ने उसे समझौते के लिए कोर्ट में बुलाया। यहां सुनील ने सुरेश को बैग में आठ लाख 91 हजार रु. नकद तथा एक लाख रु. का चेक दे दिया और राजीनामे के कागजात तैयार करवा लिए। कोर्ट में भीड़ होने के कारण सुरेश ने रुपए गिने नहीं। बाद में सुरेश ने वकील को फीस देने के लिए रुपए निकाले तो नकली मिले। इस पर उसने सदर थाने में मामला दर्ज कराया। आरोपी ने बैंक कर्मचारी सुरेश को हजार-हजार के 891 नकली नोटों की नौ गड्डियां दीं। इनमें सभी नोटों पर एक ही नंबर 2 सीए 536110 थे। कई नोटों पर तो एक तरफ ही प्रिंटिंग है।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने विधानसभा में कम्प्यूटर स्केनर से एक हजार रु. का नोट स्केन किया, फिर उसे कॉपी कर पेन ड्राइव में घर ले आया। मई में वह कलर प्रिंटर खरीदकर लाया तथा एक-दो नोट प्रिंटर से निकाले तो हूबहू असली नोट जैसे निकले। तीन दिन पहले जब परिवार वाले बाहर गए थे तो मौका देखकर उसने नकली नोट छापने शुरू किए और नौ गड्डियां बना लीं।
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