केंद्र सरकार और सालीसिटर जनरल के बीच चल रहे आपसी टसल पर विराम लग गया है। खबर है कि कानून मंत्रालय ने सरकार से नाराज चल रहे सालीसिटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। सरकार ने यह इस्तीफा गोपाल सुब्रह्मण्यम के अडि़यल रुख को देखते हुए मंजूर किया है।
सुप्रीम कोर्ट में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल की ओर से निजी वकील नरीमन की नियुक्ति के विरोध में सुब्रह्मण्यम ने पांच दिन पहले इस्तीफा दे दिया था। हालांकि तत्कालीन केंद्रीय मंत्री विधि मंत्री वीरप्पा मोइली ने उन्हें ऐसा करने से मना किया था। खुद प्रधानमंत्री ने भी उन्हें इस मामले में जल्दबाजी नहीं करने की अपील की थी। पर गोपाल सुब्रह्मण्यम अपने बात पर अड़े रहे।
सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को नए कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने गोपाल सुब्रह्मण्यम का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। सरकार ने 15 जून 2009 को सुब्रह्मण्यम को तीन साल के लिए सॉलीसिटर जनरल नियुक्त किया था। सुब्रह्मण्यम देश के जाने माने वकील हैं। वे इस सरकार से इस बात से नाराज थे कि नरीमन को नियुक्त करते समय सरकार ने उनसे उचित परामर्श नहीं लिया था।
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