भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर को दुनिया के सात अजूबों में पांचवा स्थान मिला है लंदन की मैग्जीन रीडर्स डायजेस्ट ने दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर को 21 वीं के सात अजूबों में शामिल किया है। बेजोड़ स्थापत्य कला और आकार के आधार पर इसे दुनिया के सात अजूबों में शामिल किया गया है रिपोर्ट में कहा गया है कि ताजमहल बेशक वास्तुशिल्प का अग्रणी उदाहरण है लेकिन दिल्ली स्थित यह मंदिर एक प्रमुख प्रतियोगी बन कर उभरा है।
इस मंदिर को सात अजूबों में शामिल करने के पीछे लेखन ने काफी तर्क दिए हैं जिसमें कहा गया है कि मसलन यह दुनिया का सबसे विशाल हिंदू मंदिर है, इस मंदिर में हस्तशिल्प से तैयार 234 खंबे हैं, नौका विहार, आईमैक्स सिनेमा और 20 हजार मूर्तियां इसे और सुंदर बनाती हैं। यही नहीं इसे तैयार करने में 1.20 करोड़ घंटों का मानवीय श्रम लगा है यानि अगर एक व्यक्ति 640 ईस्वी में यह मंदिर बना रहा होता तो अभी यह बनकर तैयार भी नहीं होता।
इस मदिंर को बनाने में 11 हजार शिल्पकारों की फौज लगी थी जिसने इस मंदिर को 5 साल में बनाकर तैयार कर दिया। मंदिर में सबसे ज्यादा आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि इस पूरी इमारत में कहीं भी कंक्रीट और स्टील का इस्तेमाल नहीं किया गया है यह पूरी इमारत गुलाबी बलुओ पत्थरों के खंड़ों को जो़ड़कर तैयार की गई है. मैग्जीन में 21 वीं सदी में दुनिया के सात आश्चर्यों में शामिल हैं - स्प्रिंग टेंपल बुद्धा चीन, बहाई मंदिर (इजराइल), केव ऑफ क्रिस्टल (मेक्सिको), म्यूजियम ऑफ इस्लामिक आर्ट (कतर), अक्षरधाम मंदिर (नई दिल्ली), द दरवाजा गैस क्रेटर (तुर्कमेनिस्तान), मिला वायडक्ट (फ्रांस)।
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