पटना रेलवे स्टेशन टिकट माफियाओं के शिकंजे में है. यहां कन्फ़र्म रेलवे टिकट का गौरखधंधा खूब फल-फूल रहा है. यूं तो पूरे देश में रेलवे टिकट काउंटर पर दलालों का कब्जा है, लेकिन बिहार की राजधानी पटना में यह धंधा खुलेआम चल रहा है. पटना स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर भले ही टिकट नहीं मिले लेकिन दलालों के पास कन्फ़र्म टिकट हमेशा उपलब्ध रहता है.
खास बात यह है कि ये दलाल ट्रेन और पैसेंजर की औकत के हिसाब से टिकट का पैसे वसूलते हैं. वहीं स्टेशन के काउंटर पर टिकट लेने गये लोगों को टिकट नहीं पाता. रेल कर्मियों की साठगांठ से टिकटों की कालाबाजारी का धंधा खूब फल फूल रहा है.
गर्मी की छुट्टियों में कन्फ़र्म टिकट की मारामारी लाजमी है, लेकिन आम दिनों में भी टिकट काउंटर पर लंबी लाइनों में लगे रहने के बाद भी लोगों को टिकट नहीं मिलता. वहीं दलालों के पास सभी ट्रेनों और हर क्लास की टिकट मौजूद रहते हैं. वे कभी भी आसानी से मुंहमांगी कीमत पर टिकट उपलब्ध करवा देते हैं.
खास बात यह कि टिकट खिड़कियों पर आम लोगों को काउंटर से किनारे कर दिया जाता है जबकि दलालों को टिकट देने में न सिर्फ प्राथमिकाता दी जाती है बल्कि दलालों को टिकट मुहैया कराने में किसी नियम-कानून की परवाह नहीं की जाती. लोगों का कहना है कि टिकट रहने के बावजूद लिंक फेल नाम से काउंटर बंद की तख्ती लगा दी जाती है. तत्काल में यह गौरखधंधा सबसे ज्यादा चल रहा है. घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद भी टिकट नहीं मिलता. टिकट खिड़की तक पहुंचने से पहले ही दलालों को दे दिया जाता है. रेलवे के बड़े अधिकारी इस गौरखधंधे से पूरी तरह वाकिफ हैं, लेकिन इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं होते.
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