मुसलमानों को गुजरात दंगों को भूल कर आगे बढ़ने की सलाह देने से विवादों में आए दारुल उलूम देवबंद के कुलपति मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी के भविष्य पर रविवार को फैसला होगा। हालांकि अभी इस बात पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि मामले की जांच कर रही समिति की रिपोर्ट पर इसके तीनों सदस्यों में सहमति बन गई है या नहीं।शनिवार को तय कार्यक्रम के मुताबिक मजलिस-ए-शूरा की बैठक शुरू तो हुई, लेकिन इसमें वस्तानवी मामले पर चर्चा नहीं की गई, क्योंकि यह मुद्दा मीटिंग के एजेंडे में शामिल नही था।
दारुल उलूम के कार्यवाहक कुलपति मौलाना अबुल कासिम नोमानी और वस्तानवी ने इस बात की पुष्टि की है। शूरा की बैठक पर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि समिति के दो सदस्यों ने वस्तानवी के पक्ष में रिपोर्ट तैयार की है। हालांकि दारुल उलूम के पदाधिकारियों ने इन अटकलों पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।
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