नीतीश के सुशासन में जिस जमीन को उद्योग के लिए सरकार द्वारा आवंटित होना था वो नीतीश के सगे सम्बन्धियों में वितरित किये गए हैं. नि:संदेह बिहार में उद्योग और विकाश में ये लोग अहम् योगदान देंगे। बिहार में बीजेपी और जेडीयू के नेताओं और कई आईएएस अधिकारियों के रिश्तेदारों को कथित तौर पर जमीन आवंटित किए जाने के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है।
आरोप है कि बिहार सरकार के तहत आने वाले बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी (बीआईएडीए) ने औद्योगिक क्षेत्र की जमीन को गलत तरह से आवंटित किया। कहा जा रहा है कि राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्री पी. के. शाही की बेटी को 87,120 वर्ग फुट जमीन आवंटित की गई, वहीं जेडीयू के विधायक जगदीश शर्मा के बेटे को 15,500 वर्ग फुट। राज्य के समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्लाह और वरिष्ठ अधिकारी अफजल अमानुल्लाह की बेटी को 87,120 वर्ग फुट जमीन दी गई। बीजेपी के पूर्व विधायक अवधेश नारायण सिंह के बेटे को भी 2,17,800 वर्ग फुट जमीन दी गई है।
विपक्ष ने इस मामले पर अपना तेवर कड़ा कर लिया है। कांग्रेस के विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने मंगलवार को कहा कि नीतीश की छवि सबके सामने आ गई है। बिना टेंडर जारी किए बिना ही सरकार ने चहेतों को जमीन आवंटित कर दी है। विपक्ष के हंगामे के बीच नीतीश ने कहा कि मैंने मामले पर मुख्य सचिव से जानकारी मांगी है और रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा। उधर, लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। इस मामले को लेकर विधानसभा में हंगामे से सदन की कार्यवाही भी कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी।
विपक्ष ने इस मामले पर अपना तेवर कड़ा कर लिया है। कांग्रेस के विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने मंगलवार को कहा कि नीतीश की छवि सबके सामने आ गई है। बिना टेंडर जारी किए बिना ही सरकार ने चहेतों को जमीन आवंटित कर दी है। विपक्ष के हंगामे के बीच नीतीश ने कहा कि मैंने मामले पर मुख्य सचिव से जानकारी मांगी है और रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा। उधर, लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। इस मामले को लेकर विधानसभा में हंगामे से सदन की कार्यवाही भी कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी।
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