भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने पश्चिम बंगाल सरकार के साथ बातचीत शुरू करने की इच्छा जताई है. पार्टी की राज्य समिति ने नागरिक समाज के एक ग्रुप को इस बारे में पत्र लिखा है. यह नागरिक समाज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अनुरोध पर माओवादियों के साथ मध्यस्थता कर रहा है.
ग्रुप के एक सदस्य ने बताया कि माओवादियों के एक दूत ने ये चिट्ठी पहुँचाई है. माओवादियों के नेतृत्व ने बातचीत के लिए कोई पूर्व शर्त नहीं रखी है. लेकिन नागरिक समाज ग्रुप को चिट्ठी पहुँचाने वाले माओवादियों के दूत ने कहा है कि तीन माओवादी प्रभावित ज़िलों में पुलिस कार्रवाई रोकनी पड़ेगी और वरिष्ठ माओवादी नेताओं को रिहा करना होगा.
अब नागरिक समाज के सदस्य माओवादियों की पेशकश पर विचार-विमर्श के लिए बैठक करेंगे. अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान ममता बनर्जी ने बार-बार माओवादियों से हथियार डाल कर बातचीत में शामिल होने की अपील की थी.
ममता बनर्जी ने माओवादियों के ख़िलाफ़ अभियान रोकने की भी बात कही थी. लेकिन मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद ममता बनर्जी ने अभी तक माओवादी प्रभावित इलाक़ों से सैनिकों को नहीं हटाया है. उन्होंने 52 राजनीतिक क़ैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था. लेकिन इन राजनीतिक क़ैदियों की सूची में सिर्फ़ एक वरिष्ठ माओवादी नेता थे. माओवादी नेताओं ने पहले ये कहा था कि बातचीत शुरू हो सकती है, लेकिन संयुक्त बलों को हटाना पड़ेगा और वरिष्ठ नेताओं की रिहाई करनी पड़ेगी. लेकिन उन्होंने हथियार डालने से इनकार कर दिया था. अभी तक राज्य सरकार ने माओवादियों की ताज़ा पेशकश पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
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