पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीपीआई के वरिष्ठ नेता चतुरानन मिश्र का शनिवार 2 जुलाई को देहांत हो गया। वह लंबे समय से अस्वस्थ थे। यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पिछले कुछ समय से इलाज करा रहे 86 साल के वयोवृद्ध नेता का अस्पताल में ही निधन हुआ।
स्वतंत्रता सेनानी चतुरानन ने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया। उनका जन्म 7 अप्रैल 1925 को मधुबनी में हुआ था। वह बिहार विधानसभा के लिए 1969 से 1980 के बीच तीन बार चुने गए। 1984 और 1990 में वह राज्यसभा के लिए और 1996 में मधुबनी से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। संयुक्त मोर्चा सरकार में एच. डी. देवेगौड़ा और आई. के. गुजराल के प्रधानमंत्रित्व काल में 1996 में वह कृषि मंत्री रहे। वह ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे।
चतुरानन का जाना मधुबनी और मिथिला के के लिए एक अपुर्नीय क्षति है जिसकी भरपाई आनेवाले दिनों में कोई भी नहीं कर सकता. अपनी शालीनता के लिए मशहूर चतुरा बाबु का केन्द्रीय मंत्री का कार्यकाल नि:संदेह मधुबनी के लिए रौशनी भरा दिन था जब चतुरा बाबु के भागीरथ प्रयास से ही कृषि और शंकर नेत्रायल ने मधुबनी में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया तदुपरांत आये कई केन्द्रीय मंत्री जिसने चतुरा बाबु के कार्यों को बढ़ने के बजाय शिथिल कर दिया.
मिथिला, मधुबनी और आर्यावर्त चतुरा बाबु के निधन से शोकाकुल है और इन्हें भावभीनी श्रधांजलि अर्पित करता है.
स्वतंत्रता सेनानी चतुरानन ने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया। उनका जन्म 7 अप्रैल 1925 को मधुबनी में हुआ था। वह बिहार विधानसभा के लिए 1969 से 1980 के बीच तीन बार चुने गए। 1984 और 1990 में वह राज्यसभा के लिए और 1996 में मधुबनी से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। संयुक्त मोर्चा सरकार में एच. डी. देवेगौड़ा और आई. के. गुजराल के प्रधानमंत्रित्व काल में 1996 में वह कृषि मंत्री रहे। वह ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे।
चतुरानन का जाना मधुबनी और मिथिला के के लिए एक अपुर्नीय क्षति है जिसकी भरपाई आनेवाले दिनों में कोई भी नहीं कर सकता. अपनी शालीनता के लिए मशहूर चतुरा बाबु का केन्द्रीय मंत्री का कार्यकाल नि:संदेह मधुबनी के लिए रौशनी भरा दिन था जब चतुरा बाबु के भागीरथ प्रयास से ही कृषि और शंकर नेत्रायल ने मधुबनी में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया तदुपरांत आये कई केन्द्रीय मंत्री जिसने चतुरा बाबु के कार्यों को बढ़ने के बजाय शिथिल कर दिया.
मिथिला, मधुबनी और आर्यावर्त चतुरा बाबु के निधन से शोकाकुल है और इन्हें भावभीनी श्रधांजलि अर्पित करता है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें