मुंबई धमाके पर कयास ना लगाये मीडिया. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 14 जुलाई 2011

मुंबई धमाके पर कयास ना लगाये मीडिया.

केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने मुम्बई के विस्फोटों के बारे में लोगों से कयास लगाने से बचने की अपील करते हुए कहा कि हमले में कम से कम 17 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस हमले के बारे में कोई खुफिया जानकारी पहले नहीं मिली थी। विस्फोटों के अगले दिन गुरुवार को उन्होंने कहा कि 131 घायलों को 13 अस्पतालों में भर्ती करवाया गया, जिनमें से 26 को छुट्टी दे दी गई है। 82 घायलों की हालत स्थिर है, जबकि 23 की स्थिति गंभीर है। उन्होंने कहा कि मौके से एक सिर कटा हुआ शव मिला है, जिससे मरने वालों की संख्या 18 हो सकती है।

विस्फोट स्थल का दौरा करने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए चिदम्बरम ने कहा, "कल के विस्फोट के बारे में राज्य और केंद्र के स्तर पर कोई खुफिया जानकारी नहीं मिली थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण था।" विस्फोट के बाद मुम्बई के लोगों की प्रतिक्रिया को अच्छा करार देते हुए चिदम्बर ने कहा, "मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि कयास न लगाएं। मैं महाराष्ट्र की सरकार को सलाह देता हूं कि वह पूर्व निर्धारित अटकलों और कल्पनाओं पर आगे न बढ़े।"

चिदम्बरम के मुताबिक घटना स्थल की घेराबंदी अभी भी बरकरार है और केंद्र व राज्य सरकार की जांच टीमें विस्फोट की प्रवृत्ति का पता लगाने में जुटी हुई है। लेकिन यह रिमोट कंट्रोल विस्फोट नहीं था। उन्होंने कहा, "टाइमर के साथ अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया। आठ से 10 मिनट के भीतर तीनों विस्फोटों के होने से पता चलता है कि यह सुनियोजित तरीके का विस्फोट था।"

केंद्रीय गृह मंत्री ने यह जोर देकर कहा कि खुफिया जानकारी नहीं मिलने का मतलब खुफिया एजेंसियों की विफलता नहीं है। उन्होंने कहा, "जब किसी विशेष एजेंसी के पास कोई खुफिया जानकारी नहीं है तो इसका मतलब एजेंसी की विफलता नहीं है। एक बड़े हमले के बारे में कोई खुफिया जानकारी नहीं थी, लेकिन यह कोई विफलता नहीं है। जिस किसी ने इस हमले की योजना बनाई उसने काफी गोपनीय तरीके से काम किया।" उन्होंने कहा, "हो सकता है कि यह कोई छोटा समूह हो। हर रोज और हर घंटे की खुफिया जानकारी इकट्ठा की जाती है।"

मुम्बई पर 11 नवम्बर 2008 को हुए हमले के संदर्भ में चिदम्बरम ने कहा कि यह हमला 31 माह बाद हुआ है। इस बीच पुणे में एक विस्फोट हुआ। मुम्बई पुलिस ने आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए काफी क्षमता हासिल कर ली है और उसने कई आतंकवादी खतरों को सफलतापूर्वक विफल किया है। उन्होंने कहा कि तीनों विस्फोटों में से दादर में हुए विस्फोट की क्षमता काफी कम थी, जबकि झवेरी बाजार और ओपेरा हाउस में हुए विस्फोट मध्यम और उच्च क्षमता वाले थे।

इन विस्फोटों को शहर के साथ-साथ देश की गतिविधियों को अस्थिर करने वाला करार देते हुए चिदम्बरम ने कहा, "मैं नहीं मानता कि यह देश की आर्थिक राजधानी पर हमला था। यह बेहद खेदजनक है, लेकिन भारत आगे बढ़ता और समृद्ध होता रहेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि जांचकर्ता इस बात को ध्यान में रखेंगे कि यह हमला कहीं भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली वार्ता को पटरी से उतारने की कोशिश तो नहीं है।

1 टिप्पणी:

JAGO BHARAT JAGO ने कहा…

media kayash naa lagaye lekin neta kayash laga sakte hai kaisa loktantra hai jaha neta ko kuch bhi bolne ki chut hai .jaise raj thakre kahte hai bihario ne bam visphot ko anjam diya wahi digvijaye ka yah bayan ki rss samil ho sakta hai blast me lekin midea ko chidambaram sahab kya batana chahte hai .