दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) पीजे थॉमस की उस याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के रूप में प्रदीप कुमार के शपथ-ग्रहण को चुनौती दी थी।
न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की खंडपीठ ने कहा कि आखिरी क्षणों में याचिका पर सुनवाई मुश्किल है। थॉमस की याचिका शुक्रवार को सुनवाई के लिए रखी जा सकती है।
थॉमस के वकील विल्स मैथ्यू ने अदालत के समक्ष यह मामला गुरुवार को सुबह 10.30 बजे रखा और याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।
बुधवार को दायर याचिका में थॉमस ने 16 मार्च को दायर अपनी अपील पर अदालत से निर्देश मांगा और राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से अनुरोध किया था कि नए सीवीसी की नियुक्ति से पहले वह इस पर फैसला आने तक इंतजार करें।
मैथ्यू ने कहा, ''मुख्य आधार यह है कि यह निर्णय तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ ने लिया था। हम संविधान के इस प्रावधान का समर्थन करते हैं कि इसके लिए पांच न्यायाधीशों की खंडपीठ होनी चाहिए।'' भ्रष्टाचार के मामले में थॉमस के खिलाफ लम्बित आरोप-पत्र के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने तीन मार्च को सीवीसी के रूप में उनकी नियुक्ति को अवैध ठहरा दिया था।
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