सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि नोएडा एक्सटेंशन इलाके के विवादित प्रोजेक्टों में फ्लैट बुक कराने वाले लोग अपनी पूरी रकम का उचित दर पर ब्याज समेत रिफंड बिल्डर से पाने के हकदार हैं। अगर बिल्डर पैसे लौटाने से इनकार करता है तो निवेशक कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।
कोर्ट के इस ऑर्डर से फ्लैट बुक कराने वाले 6000 से ज्यादा लोगों को राहत मिलेगी। यह फैसला जस्टिस जी.एस. सिंघवी और ए.के. गांगुली की बेंच ने सुनाया है। इसी बेंच ने ग्रेटर नोएडा लैंड अथॉरिटी द्वारा किया गया 156 हेक्टयर जमीन का अधिग्रहण 6 जुलाई को रद्द कर दिया था। अपने फैसले में बेंच ने कहा कि अगर बिल्डरों की स्कीमों में निवेश करने वालों के हितों को बचाने की खातिर भूमि अधिग्रहण को रद्द न किया जाता तो यह किसानों के साथ अन्याय होता, क्योंकि इससे किसानों की रोजी-रोटी का मुद्दा जुड़ा है।
हमें फ्लैट बुक कराने वालों की तकलीफों का अंदाजा है, लेकिन हम इस हकीकत से आंखें नहीं फेर सकते कि जमीन के मालिकों से उनकी संपत्ति छीन ली गई। जमीन अधिग्रहण से पहले संबंधित सरकार को इसके परिणामों के बारे में गंभीरता से सोच लेना चाहिए।
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