देश में तेजी से हो रहे औद्योगिकीकरण से भारतीय अर्थव्यवस्था के 2013 में चीन से भी तेज आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की उम्मीद है. वैश्विक सलाहकार अनर्स्ट एंड यंग ने यह अनुमान लगाया है.अनर्स्ट एंड यंग की रिपोर्ट में हालांकि आगाह किया गया है कि भारत को महंगाई को काबू करने की जरूरत है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत ही रहेगी. पिछले वित्त वर्ष में यह 8.2 फीसदी रही थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले साल भारतीय अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. इसमें कहा गया है कि 2013 के कैलंडर साल में तेजी से बढ़ते बाजारों में भारतीय अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद की वास्तविक वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रहेगी. उसके बाद चीन का नंबर होगा, जो 9 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करेगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 9 प्रतिशत रहेगी, जबकि उस दौरान चीन की वृद्धि दर 8.6 फीसदी रहेगी. यह अनुमान भारत, चीन, ब्राजील और रूस सहित कुल 25 देशों पर आधारित है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में कमी से भारत और चीन ज्यादा बेहतर तरीके से मुकाबले करने में सक्षम हैं, क्योंकि इनका घरेलू बाजार काफी बड़ा है.
इसमें कहा गया है कि भारत का कुल परिदृश्य सकारात्मक नजर आता है, पर उसे महंगाई से निपटने की जरूरत है. अनर्स्ट एंड यंग के भागीदार और भारतीय बाजार के प्रमुख फारूक बलसारा ने कहा कि भारत की खपत आधारित अर्थव्यवस्था लघु अवधि में आकषर्क निवेश गंतव्य बनी रहेगी.
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